पूर्णिया मेडिकल कॉलेज में 100 सीटों पर एडमिशन लेने की अनुमति एनएमसी दिल्ली ने मंगलवार को दे दी

सीमांचल और कोशी प्रमंडलीय क्षेत्र से लेकर निकटवर्ती भागलपुर जिला तक के वासियों के लिए 13 जून 2023 ऐतिहासिक हो गया क्योंकि इसी दिन नेशनल मेडिकल काउंसिल (एनएमसी) ने सीमांचल पूर्णिया प्रमंडल के मुख्यालय पूर्णिया में स्थापित पूर्णिया राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय में शुरूआती सत्र 2023--24 के लिए 100 सीटों पर एडमिशन लेने की अनुमति पूर्णिया राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय (पूर्णिया मेडिकल कॉलेज) को दी है।

पूर्णिया मेडिकल कॉलेज में 100 सीटों पर एडमिशन लेने की अनुमति एनएमसी दिल्ली ने मंगलवार को दे दी

- पूर्णिया मेडिकल कॉलेज में 100 सीटों पर एडमिशन लेने की अनुमति एनएमसी दिल्ली ने मंगलवार को दे दी

- विधान पार्षद डॉ दिलीप जायसवाल ने कहा कि रंग लाई उनकी वर्षों की मेहनत और साकार हुआ सपना

- कहा कि अब इस मुस्लिम बहुल सीमांचल के गरीब गुरबे के बेटे भी कर सकेंगे डॉक्टरी की पढ़ाई

- इस बड़ी उपलब्धि में देरी के लिए राज्य सरकार की सुस्ती को जिम्मेवार बताते हुए नई दिल्ली एनएमसी की दरियादिली के प्रति जताया आभार

सीमांचल (अशोक/विशाल)

एमएमसी का यह अनुमति पत्र ज्यों ही गत मंगलवार 13 जून को पूर्णिया गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज के प्रबन्धन को मिला त्यों ही पूर्णिया मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने एडमिशन लेने की तैयारी शुरू कर दी है।

एमएमसी नई दिल्ली की मेडिकल एसेसमेंट एंड रेटिंग बोर्ड की टीम ने इस पूर्णिया गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज के संसाधनों का हाल ही में आंकलन किया था तो राज्य सरकार की कुछ लापरवाहियां उक्त संदर्भ में सामने आई थी , लिहाजा , केंद्रीय स्तर से इस मेडिकल कॉलेज को अंडरटेकिंग लेकर केंद्रीय व्यवस्था ने एक वर्ष के अंदर सभी इंफ्रास्ट्रक्चर कंप्लीट करने की गारंटी के साथ पूर्णिया मेडिकल कॉलेज में दाखिला और पढ़ाई शुरू करने का आदेश सीधे एमएमसी से कराया।

पूर्णिया मेडिकल कॉलेज में इस बाबत 21 विभागों में 80 फैकल्टी की नियुक्ति की जा चुकी है।

इस ऐतिहासिक खबर से संपूर्ण सीमांचल के साथ साथ कोशी क्षेत्र से निकटवर्ती भागलपुर जिला के नजदीकी क्षेत्रों सहित सीमांचल से सटे पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल के निकटवर्ती क्षेत्रों तक में खुशी की लहरें दौड़ गई हैं।

वहीं दूसरी ओर , राजनीति के क्षेत्र में भाजपा को अपनी केंद्रीय सरकार की उपलब्धियों में एक और इस उपलब्धि को भी जोड़कर अपनी राजनीतिक रोटी सेंकने का एक बड़ा मुद्दा हांसिल हो गया है।

जबकि दूसरी ओर , सीमांचल क्षेत्र के सबसे बड़े लोकप्रिय समाजसेवी सह पूर्णिया किशनगंज अररिया जिले के स्थानीय प्राधिकार निकाय क्षेत्र के निर्वाचित विधानपार्षद सह किशनगंज स्थित माता गुजरी मेडिकल कॉलेज सह लायंस सेवा केंद्र अस्पताल सह माता गुजरी मेडिकल कॉलेज यूनिवर्सिटी के डायरेक्टर डॉ दिलीप जायसवाल ने इस बाबत अपार खुशियों का इजहार करते हुए कहा है कि उनकी वर्षों की कोशिश और मेहनत आज सीमांचल के एक धरोहर पूर्णिया मेडिकल कॉलेज के रूप में साकार हो गई। जहां अब डॉक्टरी की पढ़ाई और चिकित्सा सेवा साथ साथ शुरू होने जा रही है।

बतौर स्थानीय विधान पार्षद डॉ दिलीप जायसवाल ने कहा कि भारी खुशी की बात है कि इस सीमांचल के गरीब गुरबों को एक ओर बेहतर और सस्ती चिकित्सा सुविधा उपलब्ध होगी वहीं दूसरी ओर इस मुस्लिम बहुल सीमांचल के गरीब और कमजोर वर्ग के बेटे अब आसान राह से डॉक्टर बन सकेंगे।

अपने इस उदगार को व्यक्त करते हुए सीमांचल के पूर्णिया किशनगंज अररिया जिले के स्थानीय प्राधिकार निकाय क्षेत्र से लगातार तीन बार से निर्वाचित होते आ रहे विधान पार्षद डॉ दिलीप जायसवाल ने हालांकि इस बड़ी उपलब्धि को हांसिल करने में राज्य सरकार द्वारा बरती गई सुस्ती और लापरवाही के कारण हुई देरी के लिए भारी दुख भी व्यक्त किया है लेकिन उन्होंने खुशी जताया है कि समय रहते मेडिकल काउंसिल की केंद्रीय व्यवस्था ने इसे अंडरटेकिंग लेकर सीमांचलवासियों को एक बड़ा उपहार प्रदान कर दिया।

डॉ दिलीप जायसवाल विधान पार्षद ने बताया कि वह स्वयं इस बड़ी उपलब्धि को पूर्णिया में हांसिल कराने की दिशा में लगातार किशनगंज से दिल्ली और पटना की दौड़ लगाते रहे थे और सीमांचल के बहुसंख्यक आबादी वाले गरीब गुरबे समुदाय के लिए बेहतर चिकित्सा व शिक्षा की व्यवस्था उपलब्ध कराने के लिए लगातार चिंतित रहते थे।

विधान पार्षद डॉ दिलीप जायसवाल ने पत्रकारों के समक्ष संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि अब उनका सपना ही नहीं वल्कि उनके निर्वाचन क्षेत्र सीमांचल की जनता का सपना साकार हो गया है कि इस सीमांचल की जनता को बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध होगी और यहां के उपेक्षित बेटों को डॉक्टरी की पढ़ाई करने का सुगम अवसर प्राप्त होगा।