विधान परिषद चुनाव के उम्मीदवार के रूप में डॉ दिलीप जायसवाल ने पूर्णिया डीएम के कार्यालय में नामांकन पत्र किया दाखिल
सोमवार 14 मार्च को विधान परिषद चुनाव के लिए उम्मीदवार के रूप में निवर्तमान विधान पार्षद डॉ दिलीप जायसवाल ने जब अपना नामांकन पूर्णिया के जिलापदाधिकारी सह निर्वाचन पदाधिकारी के कार्यालय में दाखिल किया तो उक्त अवसर पर निकटवर्ती कला भवन में डॉ दिलीप जायसवाल के समर्थकों त्रिस्तरीय जनप्रतिनिधियों की उमड़ी भीड़ ने सीमांचल के गांधी कहे जाने वाले स्वर्गवासी नेता तस्लीमुद्दीन की याद को तरोताजा कर दिया।
- कलाभवन में समर्थक त्रिस्तरीय पंचायत जनप्रतिनिधियों की उमड़ी भीड़
- बिहार के उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने भी जनप्रतिनिधियों के साथ डॉ जायसवाल को दिया जीत का आशीर्वाद
- कहा--स्वर्गीय सीमांचल गांधी तस्लीमुद्दीन की तर्ज पर राजनीति करते हुए जाति धर्म भेदभाव को सीमांचल में कभी फटकने नहीं दिये डॉ जायसवाल
- जायसवाल ने कहा कि वह एक मात्र शख्स हैं जो त्रिस्तरीय जनप्रतिनिधियों के सम्मान और अधिकार के लिए बिहार सरकार को झुकाए थे
सीमांचल (विशाल/पिन्टू/विकास)
डॉ दिलीप जायसवाल ने बतौर विधान पार्षद त्रिस्तरीय पंचायत जनप्रतिनिधियों के अधिकार की लड़ाई लड़ कर बिहार सरकार को त्रिस्तरीय पंचायत जनप्रतिनिधियों के आगे झुकाया था और तभी से डॉ दिलीप जायसवाल का सिक्का सीमांचल में चल निकला था। डॉ दिलीप जायसवाल ने स्वर्गीय सीमांचल गांधी तस्लीमुद्दीन की तर्ज पर सदैव जाति धर्म से ऊपर उठकर राजनीति की और अपनी मानव सेवा का धर्म निभाना शुरू किया । कहने को डॉ दिलीप जायसवाल एनडीए गठबंधन के भाजपा समर्थित प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं लेकिन इस मुस्लिम बहुल क्षेत्र के मुस्लिम त्रिस्तरीय पंचायत जनप्रतिनिधियों के पसंदीदा उम्मीदवार बन बैठे हैं।
नामांकन के दिन पूर्णिया के कला भवन मैदान में उमड़ी त्रिस्तरीय जनप्रतिनिधियों की भीड़ देखने के बाद लोगबाग हक्के बक्के हो गए और दिलीप जायसवाल के लोकप्रिय व्यक्तित्व का लोहा मान लिए।
नामांकन के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए विधान परिषद के लिए पूर्णिया किशनगंज अररिया की विधान परिषद की सीट के उम्मीदवार डॉ दिलीप जायसवाल ने दावा किया कि एकमात्र वही ऐसे जनप्रतिनिधियों के विधान परिषद में प्रतिनिधि रहे हैं जो त्रिस्तरीय पंचायत जनप्रतिनिधियों के सम्मान और अधिकार की लड़ाई लड़ कर बिहार सरकार को त्रिस्तरीय पंचायत जनप्रतिनिधियों के समक्ष झुकाने का काम किये थे।
उन्होंने कहा कि वह कभी भी इस क्षेत्र में जाति धर्म की राजनीति होने नहीं दिये और सभी को समानरूप से सम्मान दिलाने का काम किये हैं। एक सवाल के जबाब में डॉ जायसवाल ने बेबाक कहा कि उनके खिलाफ उतारे गए राजनीतिक दलों के समर्थित उम्मीदवार गण पिछले विधानसभा चुनाव के पराजित उम्मीदवार गण हैं। उन्होंने कहा कि जो सिर्फ अपने एक विधानसभा क्षेत्र से जीत नहीं हांसिल कर पाये थे वे अब तीन जिले के 17 विधानसभा क्षेत्र से जीत हासिल कर नेताओं का नेता कैसे स्थापित हो सकते हैं।
उन्होंने स्पष्ट कहा कि उनके त्रिस्तरीय निकाय क्षेत्र के विधान परिषद क्षेत्र के जनप्रतिनिधिगण ऐसे डूबते हुए नावों की सवारी कदापि नहीं कर सकते हैं।
उक्त अवसर पर पूर्णिया के कलाभवन में उपस्थित जनप्रतिनिधियों की विशाल भीड़ को संबोधित करते हुए बिहार के उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने डॉ दिलीप जायसवाल की लोकप्रियता की सराहना करते हुए कहा कि इन्होंने सदैव जाति धर्म से ऊपर उठकर जो राजनीति की है और मानवता की सेवा को ही अपना धर्म माना है , उसी के फलस्वरूप जनप्रतिनिधियों का विशाल हुजूम उमड़ कर डॉ दिलीप जायसवाल की जीत का आशीर्वाद देने आ गया है।