महागठबंधन चाहे तो रूस्तम खान लड़ेंगे स्थानीय निकाय के पूर्णिया किशनगंज अररिया क्षेत्र का विधानपरिषद चुनाव
कहा-- सर्वाधिक मुस्लिम वोटरों के बाबजूद भाजपाई का काबिज होना सीमांचल का दुर्भाग्य
सीमांचल/पूर्णिया(विशाल/पिन्टू)
बिहार में होने वाले 24 सीटों के स्थानीय निकाय क्षेत्र के विधानपरिषद चुनाव की सरगर्मी अब धीरे धीरे बढ़ती हुई नजर आ रही है और राजनीतिक दलों की इस मद में जारी हुई सुगबुगाहट के कारण हरेक क्षेत्र में भावी उम्मीदवारों के द्वारा वोटरों की नब्ज़ टटोलने का काम शुरू कर दिया गया है।
सीमांचल पूर्णिया प्रमंडल के भी दोनों सीटों पर विधानपरिषद चुनाव की सरगर्मी तेज होती नजर आ रही है।
लेकिन , पूर्णिया किशनगंज अररिया वाली एक सीट पर सीटिंग भाजपाई विधानपार्षद डॉ दिलीप जायसवाल की शिकस्ती निश्चित करने के लिए गैर भाजपा दलों यथा राजद कांग्रेस वाली महागठबंधन को उस टक्कर का कोई उम्मीदवार ही नहीं मिल पा रहा है।
बताया जाता है कि महागठबंधन की इस दशा को भांपकर पूर्णिया राजद के महासचिव सह जाने माने पुराने युवा नेता रूस्तम खान ने महागठबंधन की ओर से बतौर उम्मीदवार विधानपरिषद के इस चुनाव को लड़ने का मन बनाया है।
रूस्तम खान ने इस बाबत अपने उत्साह का इजहार करते हुए इस संवाददाता से बताया कि विधानपरिषद के स्थानीय प्राधिकार क्षेत्र पूर्णिया किशनगंज अररिया में करीब 10 हजार वोटर हैं , जिसमें से लगभग 7 हजार वोटर्स मुस्लिम समुदाय के हैं।
रूस्तम खान के अनुसार , अगर महागठबंधन ने उन्हें प्रत्याशी घोषित कर मैदान में उतारा तो वह जीत का परचम लहराने में कामयाब हो जाएंगे।
उभरते हुए युवा नेता रूस्तम खान ने आश्चर्य प्रकट करते हुए कहा कि राज्यभर के सबसे बड़े मुस्लिम बहुल क्षेत्र पूर्णिया किशनगंज अररिया के स्थानीय निकाय के विधानपरिषद क्षेत्र में मुस्लिम वोटरों की सर्वाधिक संख्या रहते हुए भाजपाई नेता का लगातार कब्जा जारी रहता आ रहा है और वही भाजपाई इस बार भी इस सीट पर आसानी से कब्जा करने का दावा कर रहा है।
रूस्तम खान ने कहा कि ऐसा मुस्लिम वोटरों में रहते आ रहे सबल इच्छा शक्ति के अभाव के कारण ही होता आ रहा है।
भाजपाई और जदयू की गठबंधन शक्ति ने पैसों की राजनीति के अंतर्गत विधानपरिषद की इस सीट पर कब्जा जमा रखा है।