एनडीए सरकार अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की किशनगंज शाखा के फण्ड को रिलीज करने में और सुरजापुरी मुस्लिम बिरादरी को आरक्षण देने के मुद्दे पर मौन क्यों ?

किशनगंज के सांसद डॉ मोहम्मद जावेद आज़ाद, ठाकुरगंज के पूर्व विधायक ज़ाहिदुर रहमान, चौधरी महबूब अली कैसर और तत्कालीन नेता अशोक चौधरी ने वर्ष 2002 में राबड़ी देवी की सरकार के मंत्री पद के दौरान थे

एनडीए सरकार अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की किशनगंज शाखा के फण्ड को रिलीज करने में और सुरजापुरी मुस्लिम बिरादरी को आरक्षण देने के मुद्दे पर मौन क्यों ?

सवाल खड़े किये हैं किशनगंज सांसद डॉ जावेद आजाद

आरोप लगाया कि सरकार इन मुद्दों पर लीपापोती के अलावे और कुछ कर ही नही रही है

भरोसा देकर सुरजापुरियों की वोट लुटती आयी है

 सीमांचल (अशोक/विशाल)

किशनगंज के  सांसद डॉ मोहम्मद जावेद आज़ाद,    ठाकुरगंज के पूर्व विधायक ज़ाहिदुर रहमान,  चौधरी महबूब अली कैसर और तत्कालीन नेता अशोक चौधरी ने वर्ष 2002 में राबड़ी देवी की सरकार के मंत्री पद के दौरान थे सिर्फ सुरजापुरी मुस्लिम आरक्षण के मुद्दे पर इस्तीफा  दे दिया था तो जिसके परिणामस्वरूप उसके तुरंत बाद ही तत्कालीन सरकार ने 2002 में ही सुरजापुरी बिरादरी को पिछड़ा वर्ग 2 में आरक्षण प्रदान कर दिया था।

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लेकिन उसके बाद 2005 से जब बिहार में नीतीश कुमार की सरकार आ गयी तो उक्त आरक्षण की आगामी प्रक्रिया में पूरी शिथिलता ला दी गई और उसके बाद से अब तक उक्त सुरजापुरी आरक्षण में कोई आरक्षण में उन्नति प्रदान नही होने दी गई।

इस बात को काफी गम्भीरता से लेते हुए किशनगंज के  सांसद डॉ जावेद आजाद ने अब इस बाबत धारदार लड़ाई शुरू करने का मन बनाया है।

उन्होंने कहा कि सुरजापुरी बिरादरी को ओबीसी में शामिल करने के लिए कई दफा मुख्यमंत्री नीतीश जी से मिलकर और उन्हें लिखित देकर अनुरोध किया , लेकिन , अब तक कोई नतीजा मुख्यमंत्री की ओर से नही निकला और ना ही बिहार सरकार के द्वारा बिहार में रहने वाले सुरजापुरी मुस्लिम बिरादरी को पिछड़ा वर्ग में शामिल किया गया।

सांसद डॉ जावेद के अनुसार ,जब से वह सांसद निवार्चित हुए है सुरजापुरी बिरादरी को ओबीसी में शामिल करने के लिए काफी मेहनत कर रहे है लेकिन केंद्र सरकार के द्वारा यही जवाब मिलता आ रहा है कि बिहार सरकार के द्वारा अब तक कोई भी अनुशंसा उनकी केंद्रीय सरकार के समक्ष अब तक प्रेषित नही किया गया है ।

सांसद जावेद आजाद ने बिहार सरकार की तीखी आलोचना करते हुए कहा कि केन्द्र सरकार के ऐसे बयान से अब बिहार की नीतीश कुमार की सरकार और नीतीश कुमार की सुरजापुरी मुस्लिम बिरादरी विरोधी नीति का खुलासा हुआ है , जो सीमांचल के लोगो के साथ मजाक के अलावे और कुछ नही है।

किशनगंज सांसद डॉ जावेद आजाद ने सीधा सा स्पष्ट आरोप लगाते हुए कहा कि सत्तारूढ़ एनडीए के नेता लोग वर्ष 2016 से ही इस मुद्दे पर आंख बंद कर लगातार सो रहे है और कुछ लोकल सुरजापुरी नेताओं , पूर्व विधायकों , पूर्व मंत्रियों की चापलूसी वाली और कपट की वोट की राजनीति के अंतर्गत सीमांचल के सुरजापुरी बिरादरी के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है जो सीधे तौर पर एक राजनीति खिलवाड़ के अलावे और कुछ भी नही है।

किशनगंज सांसद डॉ जावेद आजाद ने कहा कि चाहे अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के फण्ड को अबतक रोककर रखने का मामला हो या सुरजापुरी बिरादरी को आरक्षण के मुद्दे हों देश और राज्य की एनडीए सरकार की सुरजापुरी मुस्लिम विरोधी सोच में कुछ भी नही है।

उन्होंने एनडीए के नेताओं की सोच का खुलासा किया कि एनडीए गठबंधन यही चाहती है कि सीमांचल के लोग जैसा है वैसे ही पड़ा रहे , ताकि वोट बैंक के रूप में  मुसलमान सिर्फ इनके इशारे पर ही इस्तेमाल किया जाता रहे ।