भारत का 73 वां गणतंत्र दिवस।

आज हमारा देश 73 वां गणतंत्र दिवस मनाने जा रहा है!

भारत का 73 वां गणतंत्र दिवस।

भारत का 73 वां गणतंत्र दिवस।

आज हमारा देश 73 वां गणतंत्र दिवस मनाने जा रहा है! गणतंत्र दिवस को पूरे भारत में राष्ट्रीय पर्व के साथ पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। यह पर्व लोकतंत्रात्मक गणराज्य होने के महत्व को सम्मान देने के लिए हमलोग मनाते हैं। 26 जनवरी का दिन भारत के इतिहास में विशेष महत्व रखता है, क्योंकि 26 जनवरी 1950 को ही भारतीय संविधान लागू किया गया था।26 जनवरी 1930 के दिन कांग्रेस सरकार द्वारा भारत में पूर्ण स्वराज  घोषित का नारा दिया गया। 1950 में ही अंग्रेजों द्वारा बनाया कानून को हटाकर भारतीय संविधान लागू किया गया था। भारत के आजादी के ठीक 9 दिसंबर 1947 को संविधान सभा बनाने की शुरुआत की जिसे 2 वर्ष 11 महीने 18 दिन में बना कर तैयार किया गया। भारतीय संविधान निर्माण के लिए 22 समितियों का चुनाव किया गया! जिनका काम संविधान का निर्माण करना व संविधान बनाना था। संविधान बनाने के लिए 114 दिन की बैठक की गई जिसमें 308 सदस्यों ने भाग लिया। इस बैठक के मुख्य सदस्य थे डॉ राजेंद्र प्रसाद, डॉक्टर भीमराव अंबेडकर, मौलाना अब्दुल कलाम आजाद, पंडित जवाहरलाल नेहरू व सरदार वल्लभभाई पटेल आदि। भारत का संविधान हाथों से लिखा गया संविधान है।यह दुनिया का सबसे बड़ा हाथों से लिखा गया संविधान है। इस संविधान को लिखने वाले शख्स का नाम प्रेम बिहारी नारायण रायजादा है, जो पेशे से एक कैलीग्राफी आर्टिस्ट्स थे। इस देश को आजाद कराने में तथा इस संविधान के निर्माण में जितने भी मुख्य सदस्य थे सभी देश के वीर शहीदों में है जो जब तक संसार रहेगा तब तक इनको याद किया जाएगा। हमारा संविधान 26 नवंबर 1949 को तैयार हो गया था लेकिन इसे 26 जनवरी 1950 में यानी के 2 महीने बाद लागू किया गया। क्या आपको पता है ऐसा क्यों हुआ? 
ऐसा इसलिए हुआ 26 जनवरी 1930 को पूर्ण स्वराज घोषित करने की तारीख को महत्व देने के लिए 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू किया गया और 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस घोषित किया गया। आज हम बहुत आसानी से किसी भी स्कूल कॉलेज कार्यालय में तिरंगा ध्वजारोहण करते हैं लेकिन इसके पीछे का इतिहास बहुत कम लोग ही जानते हैं।इस देश को आजाद कराने तथा देश को स्वराज घोषित करने व अपने भारतीय संविधान को लागू करने में कितने वीरों ने अपने जान की आहुति दी है। हम लोग खुशनसीब है कि अंग्रेजों की गुलामी से मुक्ति मिलने के बाद हमारा देश एक गणराज्य बना और देश को अपना संविधान मिला। इस खुशी को मनाने के लिए 26 जनवरी को पूरा देश एकत्र होता है और एक साथ मिलकर इस पर्व को मनाते हैं। हम अपने देश में हर धर्म के साथ मिलजुल कर रहे, हमारा देश उन्नति करें और आगे बढ़े यह कामना हर वो इंसान का है जो भारत देश में रहता है। हमारे देश के सभी वीरों को नमन: जिसने इस देश को अंग्रेजों की गुलामी तथा अंग्रेजों के कानून को खत्म कर अपने संविधान को लागू किया।
उन वीरों के बलिदान को कभी नहीं भुलाया जा सकता है।

जहां हर धर्म मिलजुल कर करते है बसेरा
वह भारत देश है मेरा, वह भारत देश है मेरा
नुजहत जहाँ