किशनगंज में मुहर्रम की रौनक: डॉ. जावेद आजाद की सहभागिता और इमाम हुसैन की शिक्षाओं का संदेश

किशनगंज में इस बार भी मुहर्रम के ताजियों की चमक और मातमों की गूंज बरकरार रही। कांग्रेस सांसद डॉ. जावेद आजाद ने इस धारावाहिक घटना में भाग लिया, जिसमें हर साल की भांति वे अखाड़े की जुलूस में शामिल हुए। उन्होंने हजरत इमाम हुसैन की सच्चाई से समानता और बलिदान की महत्वपूर्ण सीखों की बात की, और मुहर्रम पर्व को पूरे उत्साह से मनाने की प्रेरणा दी और अपने लोकसभा क्षेत्र किशनगंज के वासियों को मुहर्रम की मुबारकबाद और शुभकामनाएं दीं, और मुहर्रम के जुलूस में भी उनका समर्थन किया। उन्होंने आम आवाम से कहा कि हज़रत इमाम हुसैन का जीवन हमें शांति, एकता, और सामाजिक न्याय के मार्ग पर चलने की सीख देता है। इस मुहर्रम के दिन, हमें उनकी सीखों का प्रण लेना चाहिए, जो शांति और सामाजिक न्याय के मार्ग पर हमें अग्रसर करती हैं।

किशनगंज में मुहर्रम की रौनक: डॉ. जावेद आजाद की सहभागिता और इमाम हुसैन की शिक्षाओं का संदेश

सीमांचल (अशोक/विशाल)

  • किशनगंज में इस बार भी बरकरार रही मुहर्रम के ताजियों की चमक और मातमों की गूंज
  • कांग्रेस सांसद डॉ जावेद आजाद ने भी प्रत्येक वर्ष की भांति अखाड़े की जुलूस में शिरकत की
  • हजरत इमाम हुसैन की सच्चाई समानता और बलिदान से सीख लेने की अपील की

किशनगंज में इस बार भी मुहर्रम का पर्व अपनी पूरी रौनक और श्रद्धा के साथ मनाया गया। कांग्रेस सांसद डॉ. जावेद आजाद ने हमेशा की तरह इस बार भी अखाड़े के जुलूस में भाग लिया। उन्होंने हजरत इमाम हुसैन की सच्चाई, समानता और बलिदान से प्रेरणा लेने की अपील की, जो इस पर्व का मूल उद्देश्य है।

डॉ. मोहम्मद जावेद आजाद ने अपने लोकसभा क्षेत्र के सभी निवासियों को मुहर्रम की शुभकामनाएं दीं और इस महत्वपूर्ण जुलूस में शामिल होकर अपनी आस्था और समर्पण का प्रदर्शन किया। उन्होंने अपने संदेश में कहा कि हज़रत इमाम हुसैन का जीवन हमें सत्य, बलिदान और समानता के रास्ते पर चलने की प्रेरणा देता है। मुहर्रम के दिन हमें उनके द्वारा दिखाए गए शांति, एकता और सामाजिक न्याय के मार्ग पर चलने का संकल्प लेना चाहिए।

किशनगंज की मुहर्रम पर्व की धूमधाम और मातम की गूंज पूरे सीमांचल में बेमिसाल है। यहाँ की मातमों की गूंज और ताजियों की जगमगाहट से लोगों के रोंगटे खड़े हो जाते हैं। सीमांचल भर में किशनगंज का मुहर्रम पर्व अपनी विशिष्टता और धार्मिक भक्ति के लिए जाना जाता है, जो इसे एक अलग पहचान देता है।

इस पर्व पर हर साल की तरह इस बार भी, श्रद्धालुओं ने पूरे उत्साह और आस्था के साथ मुहर्रम को मनाया, जिससे किशनगंज की धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर को एक नया आयाम मिला।