पाला बदलने वाले चारो विधायकों को मीरजाफर की संज्ञा देते हुए अख्तरूल ईमान ने कहा कि इस घटना का कोई असर न तो उन पर पड़ा और न ही ओवैसी साहब पर पड़ा
दावा किया कि जिस तरह एक अकेली ताकत से पिछली बार पांच विधायकों को स्थापित किए थे उसी प्रकार आने वाले दिनों में वह चौबीस विधायकों को स्थापित करने का रिकॉर्ड कायम करेंगे
सीमांचल (अशोक कुमार)
बिहार में एम आई एम के चार विधायकों शाहनवाज आलम , रूकनुद्दीन , इजहार असफी , अंजार नईमी के द्वारा अचानक पाला बदल कर राजद में शामिल होने से अचानक आहत हुए एम आई एम के बिहार सुप्रीमों सह विधायक अख्तरूल ईमान ने कहा है कि उन चारों विधायकों ने मीरजाफर वाली भूमिका निभाते हुए बिहार की अतिपिछड़ी मुस्लिम आबादी और सीमांचल में बाढ़ , कटाव , बेरोजगारी , भुखमरी के उत्पीड़न से जूझती जनता के विश्वास के साथ धोखा किया है।
उन्होंने कहा कि जो राजद किसी राज्य में तोड़फोड़ की जारी राजनीति को सरेआम कोसती फिर रही है , उसी राजद ने बेशर्मी के साथ उसी तोड़फोड़ की वीभत्स राजनीति का अनुसरण करते हुए बिहार की एम आई एम को कमजोर करने का काम कर दिखाया है।
एम आई एम की बिहार की राजनीति में पांच पांडव की भांति की राजनीतिक औकात रखने वाली एम आई एम में अब महज इकलौता विधायक रह गए एम आई एम के बिहार सुप्रीमों अख्तरूल ईमान ने कहा कि सीमांचल की जिस जनता के विश्वास का गला घोंटते हुए चारों एम आई एम के विधायकों ने राजद जैसी अब ए टू जेड की कहने वाली पार्टी का दामन थामा है , उन्हें सीमांचल की जनता आने वाले दिनों में सबक सिखाने का काम करेगी।
एम आई एम के सुप्रीमों विधायक अख्तरूल ईमान ने अपनी प्रतिक्रिया में दावा किया है कि जिस तरह से वह एक इकलौता रहते हुए बिहार की सदन में अचानक पांच विधायकों को स्थापित करने में कामयाबी हासिल कर लिए थे , उसी प्रकार उनका दावा है कि आने वाले दिनों में वह इसी तरह से एम आई एम के इकलौता रहते हुए अचानक 24 एम आई एम विधायकों के साथ बिहार विधान मण्डल में स्थापित होने का नया रिकॉर्ड कायम करेंगे।
एम आई एम के बिहार सुप्रीमों विधायक अख्तरूल ईमान ने कहा कि उनकी पार्टी के साथ घटी उक्त राजनीतिक घटना का कोई असर न तो उनकी पार्टी के राष्ट्रीय सुप्रीमों सांसद असदुद्दीन ओवैसी पर पड़ा है और न ही कोई असर खुद उनकी राजनीति पर बिहार में पड़ा है।
उन्होंने सिर्फ इतना ही अफसोस जाहिर किया कि उनकी पार्टी के टिकट पर विधानसभा पहुंचे चारों विधायकों ने ऐसे समय में जनता के साथ विश्वासघात किया जब सीमांचल की जनता को चारो ओर से बाढ़ और कटाव की भीषण त्रासदी झेलनी पड़ रही थी।



