मनुवादी और सामंतशाही विचार के प्रतीक गिरिराज सिंह की 'हिंदू स्वाभिमान यात्रा' पर तैर रहे हैं कई सवाल ?
भाजपा ने आगामी बिहार विधानसभा चुनाव से पहले सीमांचल के सपूत डॉ. दिलीप जायसवाल को बिहार प्रदेश भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष बना कर सीमांचल में पार्टी के जनाधार को फिर से स्थापित करने की कोशिश की है। इस कदम से भाजपा ने सीमांचल में हिंदू एकता को मजबूत करने का शंखनाद किया है। लेकिन, इस हिंदू एकता के मुद्दे को कुरेदने के लिए बिहार के केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने सीमांचल के मुस्लिम बहुल क्षेत्र किशनगंज में निजी तौर पर 'हिंदू स्वाभिमान यात्रा' आयोजित करने की योजना बनाई है। यह कदम न सिर्फ भाजपा के प्रयासों को बाधित कर सकता है, बल्कि इस यात्रा के माध्यम से गिरिराज सिंह हिंदू-मुस्लिम के बीच भेदभाव और तनाव को बढ़ावा देने की कोशिश कर रहे हैं। चुनाव के समय में हिंदू-मुस्लिम के मुद्दे को उछालने वाले ये नेता शिक्षा, बेरोजगारी, महंगाई जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों से ध्यान भटकाने की साजिश कर रहे हैं।

सीमांचल (अशोक / विशाल)
- कांग्रेस सांसद डॉ जावेद के खिलाफ विहिप के अमर्यादित पोस्ट
- डॉ दिलीप जायसवाल ने गिरिराज यात्रा से बीजेपी को किया किनारा
सीमांचल में राजनीतिक छेड़ छाड़ और आरोप प्रत्यारोप की राजनीति कांग्रेस और भाजपा के बीच उसी दिन से प्रारंभ हो गई , जिस दिन किशनगंज में आयोजित कांग्रेस के एक कार्यक्रम में शामिल हुए बिहार विधान सभा में कांग्रेस विधायक दल के नेता डॉ शकील अहमद खान ने प्रेस मीडिया से बातचीत करते करते अचानक से बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सह बिहार सरकार के राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री सह किशनगंज अररिया पूर्णिया के त्रिस्तरीय विधान पार्षद सह किशनगंज स्थित माता गुजरी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज एंड यूनिवर्सिटी सह अस्पताल के निदेशक डॉ दिलीप जायसवाल पर एक आरोप मढ़ा था और भाजपा के सहयोगी संगठन विश्व हिंदू परिषद को कांग्रेस नेता की यह बात अखड़ गई थी और उक्त आरोप का बदला साधने की दिशा में किशनगंज के कांग्रेस सांसद डॉ जावेद आजाद पर तरह तरह के आरोप लगाकर विश्व हिंदू परिषद ने सोशल मीडिया के एक्स पर एक धमकी भरा पोस्ट वायरल कर दिया था।
सीमांचल में अगले विधान सभा आम चुनाव की तैयारी के बयार बह रहे हैं , राजनीतिक पार्टियां कसरतें करना शुरू कर दी है और इस क्रम में सीमांचल पूर्णिया प्रमंडल की सभी 24 विधान सभा क्षेत्र की सीटों पर राजनीतिक दलों ने निगाहें टिका रखी है।
चूंकि , बीते लोक सभा चुनाव के दौरान जदयू की हुई भारी फजीहत के मद्देनजर जदयू नेता सह बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी अभी से ही किसी न किसी बहाने सीमांचल के जिलों में पहुंच कर अगले विधान सभा चुनाव के मद्देनजर अपनी पार्टी के बिखरे जनाधार को समेटने की कोशिश में जुट गए हैं।
भाजपा ने आगामी बिहार विधानसभा चुनाव से पहले सीमांचल के सपूत डॉ. दिलीप जायसवाल को बिहार प्रदेश भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष बना कर सीमांचल में पार्टी के जनाधार को फिर से स्थापित करने की कोशिश हो रही है। वही इसी क्रम में गिरिराज सिंह ने सीमांचल से हिंदू एकता को मजबूत करने का शंखनाद किया है। लेकिन, इस हिंदू एकता के मुद्दे को कुरेदने के लिए बिहार के केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने सीमांचल के मुस्लिम बहुल क्षेत्र किशनगंज में निजी तौर पर 'हिंदू स्वाभिमान यात्रा' आयोजित करने की योजना बनाई है। यह कदम न सिर्फ भाजपा के सिमांचल में प्रयासों को बाधित कर सकता है, बल्कि इस यात्रा के माध्यम से गिरिराज सिंह हिंदू-मुस्लिम के बीच भेदभाव और तनाव को बढ़ावा देने की कोशिश भी करेंगे। चुनाव के समय में हिंदू-मुस्लिम के मुद्दे को उछालने वाले ये नेता शिक्षा यात्रा, बेरोजगारी यात्रा, महंगाई यात्रा जैसे यात्रा क्यों नहीं याद आती है, इसका मतलब साफ़ है के हिंदू-मुस्लिम एवं मनुवादी विचार से ओतप्रोत, भेदभाव डालने के प्रतीक गिरिराज सिंह अपनी महत्वकांक्षी और सामंतशाही सोच के कारण महत्वपूर्ण मुद्दों से ध्यान भटकाने की साजिश कर 'हिंदू स्वाभिमान यात्रा' निकाल रहे हैं।
लेकिन , उससे पहले बिहार प्रदेश भाजपा अध्यक्ष डॉ दिलीप जायसवाल ने गिरिराज सिंह की उक्त यात्रा से बीजेपी का किनारा करते हुए ऐलान किया है कि बीजेपी सबका साथ सबका विकास की नीति पर राजनीति कर रही है लेकिन गिरिराज की यात्रा से बीजेपी को कुछ भी लेना देना नहीं है। इससे साफ़ हो जाता है की भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की इस कठोर स्पष्टवादिता के मद्देनजर गिरिराज सिंह को भी पलटी मारते हुए ऐलान करना पड़ा कि उनकी यात्रा निजी तौर पर सिर्फ एक हिंदू के नाते है और बीजेपी से उक्त यात्रा का कुछ भी लेना देना नहीं है।
चर्चा है कि भाजपा के बिहार प्रदेश अध्यक्ष डॉ दिलीप जायसवाल के कड़े तेवर को भांपकर ही गिरिराज सिंह के उत्साह नरम हुए और उन्हें भी अपनी ओर से स्पष्ट करना पड़ा कि वह सिर्फ एक हिंदू के नाते सीमांचल में हिंदू स्वाभिमान यात्रा कर रहे हैं और इस यात्रा का बीजेपी से कुछ भी लेना देना नहीं है।
जाहिर सी बात है कि बीजेपी के बिहार प्रदेश अध्यक्ष डॉ दिलीप जायसवाल के कड़े तेवर को भांपकर ही भाजपा के फायर ब्रांड केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह को अपने बयान में पलटी मारने की मजबूरी उठानी पड़ी है।जिसकी चर्चा भी सर्वत्र शुरू हो गई है।
स्मरणीय है कि आगामी बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारी के मद्देनजर सीमांचल में किशनगंज क्षेत्र को लेकर महागठबंधन और एनडीए के बीच जुबानी जंग कुछ समय से जारी है।
विगत दिनों किशनगंज जिला कांग्रेस के द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल हुए बिहार विधान मंडल के कांग्रेस विधायक दल के नेता सह सीमांचल के कटिहार जिले के कदवा विधान सभा क्षेत्र के कांग्रेस विधायक डॉ शकील अहमद खान ने अपने भाषण के निशाने पर बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सह सीमांचल के किशनगंज अररिया पूर्णिया के स्थानीय प्राधिकार निकाय क्षेत्र के लोकप्रिय विधान पार्षद सह बिहार सरकार के राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री डॉ दिलीप जायसवाल पर जब एक आरोप मढ़ा था तो उसी समय से बीजेपी की एक सहयोगी संगठन विश्व हिंदू परिषद ने किशनगंज के कांग्रेस सांसद डॉ जावेद आजाद को निशाने पर ले लिया था।
हालांकि , सीमांचल की जनता में व्याप्त दिलीप जायसवाल प्रेम के कारण कांग्रेस नेता के उक्त आरोप की ओर सीमांचल की जनता ने कोई ध्यान नहीं दिया।
लेकिन , भाजपा की सहयोगी संगठन विश्व हिंदू परिषद ने सोशल मीडिया के एक्स पर किशनगंज के कांग्रेस सांसद डॉ जावेद आजाद के खिलाफ धमकी भरा अमर्यादित पोस्ट वायरल करके ईंट का ज़बाब पत्थर से दे दिया।
जिससे बिहार के कांग्रेस महकमें सहित सीमांचल के महागठबंधन वाले दलों और उसके समर्थकों में भारी खलबली मच गई।कांग्रेस ने केंद्रीय गृहमंत्री और प्रधानमंत्री से कांग्रेस सांसद की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था करने की मांग भी की।
आशंका जताई गई कि उसी आरोप प्रत्यारोप प्रकरण के बाद विहिप ने एक्स पोस्ट पर कांग्रेस के किशनगंज सांसद डॉ जावेद आजाद के खिलाफ धमकी भरे अमर्यादित टिप्पणी किए।
लेकिन , यहां पर यह उल्लेखनीय है कि सीमांचल की गंगा जमुनी तहजीब वाली परंपरागत राजनीति के बीच किशनगंज में भले ही दिलीप जायसवाल सरीखे भाजपा नेता के निर्देशन में एमजीएम मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल का संचालन होता आ रहा हो , लेकिन , इस ध्रुव सत्य को झुठलाया नहीं जा सकता है कि सीमांचल भर के राजद कांग्रेस जदयू एमआईएम और वामपंथी जन प्रतिनिधियों के द्वारा उक्त अस्पताल में भेजे जाने वाले सभी प्रकार के मरीजों की बेहतर मुफ्त चिकित्सा और मुफ्त चिकित्सकीय जांच पड़ताल दिलीप जायसवाल की मानवता सेवा की नीति के तहत ही वर्षों से जारी है और इस क्रम में मरीजों को मुफ्त दवाइयां और एम्बुलेंस सेवा भी उपलब्ध कराई जाती रही है।
जिस कारण दलीय प्रतिद्वंदिता में नेताओं की भाषणबाजियां जो भी हो जाय , लेकिन , मानवता की सेवा के क्रम में दलीय भेदभाव की कोई गुंजाइश दिलीप जायसवाल में कभी नहीं रही है और यही कारण है कि सीमांचल के तीन तीन मुस्लिम बहुल जिलों पूर्णिया किशनगंज अररिया के स्थानीय प्राधिकार निकाय विधान परिषद क्षेत्र से विधान पार्षद के चुनाव लगातार तीन टर्म से जीतते आ रहे डॉ दिलीप जायसवाल ने जीत की हैट्रिक भी बना ली है।