रूपौली उपचुनाव: वैश्य महासम्मेलन में गुप्त मतदान का फैसला

रूपौली विधानसभा उपचुनाव को लेकर वैश्य महासम्मेलन के नेता अनिल साहा ने रहस्यमय संकेत दिया। उन्होंने कहा कि उनका समाज प्रत्याशी के नाम का पत्ता नहीं खोलेगा। गुप्त मतदान से वे राजनीतिक दलों को अपनी ताकत का एहसास कराएंगे।

रूपौली उपचुनाव: वैश्य महासम्मेलन में गुप्त मतदान का फैसला

सीमांचल  (विशाल/पिंटू/विकास)

पूर्णिया जिले के रूपौली विधान सभा क्षेत्र के उप चुनाव में वैश्य समाज के वोट भले ही निर्णायक भूमिका निभाएंगे लेकिन यह वहां खड़े उम्मीदवारों की तकदीर पर निर्भर है कि आखिर वैश्य समाज का वोट रूपौली विधान सभा क्षेत्र के उप चुनाव में किस उम्मीदवार को हांसिल होगा।

अखिल भारतीय वैश्य महासम्मेलन  के पूर्णिया ,कोसी एवं भागलपुर के प्रमंडलीय प्रभारी अनिल कुमार साहा ने संकेत दिया है कि वैश्य समाज में उम्मीदवारों के समर्थन को लेकर अभी तक कोई निर्णय नहीं हो पाया है लेकिन रुपौली विधानसभा क्षेत्र के भवानीपुर ,रुपौली , बिरौली, प्रेम नगर, टीकापट्टी ,मोहनपुर आदि क्षेत्रों का सघन रूप से दौरा करने से एक बात स्पष्ट हो गया है कि वैश्य समाज के प्रति समस्त राजनीतिक दलों की जारी उपेक्षा पूर्ण नीति से वैश्य समाज  काफी दुख और चिंता महसूस कर रहा है और इसीलिए समाज ने निर्णय लिया है कि इस उप चुनाव में अचानक ही अपनी वोट रूपी शक्ति का प्रदर्शन करते हुए ऐसे रहस्यमय तरीके से किसी उम्मीदवार को अपना समर्थन दे देगा जिसकी जीत के बाद से वैश्य समाज की उपेक्षा करने वाले राजनीतिक दलों को अचानक से वैश्य समाज की एकजुट शक्ति का आभास हो जाएगा ।

श्री साहा ने इस क्रम में बताया कि प्रदेश स्तरीय सभी दलों के वैश्य नेताओ के साथ  अलग- अलग  दिन वैश्य मतदाताओं से सम्पर्क  कर उनकी भावनाओ को जानने प्रयास किया गया तो पाया गया कि वैश्य समाज  विगत 24 वर्षों से राजनीतिक दलों के द्वारा ठगा जाता रहा और इस बार वह समाज उन सभी दलों की दलदल में फंसाने वाली नीतियों से बाहर होकर अपने भविष्य की चिंता , अपने राजनीतिक भविष्य की चिंता करने के लिए अचानक से निर्णय लेगा और गुप्त मतदान की ताकत का एहसास राजनीतिक दलों को कराएगा।

सीमांचल और कोशी क्षेत्र से लेकर भागलपुर तकके स्वजातीय संगठन के प्रमंडलीय प्रभारी अनिल कुमार साहा ने कहा कि वैश्य समाज पूरे बिहार में राजनीतिक दलों और उससे जुड़े लोगों या नेताओं के द्वारा लगातार प्रताड़ित होते आया है और तुर्रा यह कि कोई भी दल इस समाज की सुधि तक लेने को अब तैयार नहीं है 

उन्होंने अजीबोगरीब संकेत दिया कि स्वयं में घोर उपेक्षित महसूस कर रहा वैश्य समाज इस उप चुनाव में अपना पत्ता मतदान की घड़ी तक कतई नहीं खोलेगा और उसे ही अपना मत देगा  जो उसकी रक्षा करेगा और सम्मान देगा।

पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि वैश्य का जो करेगा सम्मान , उसी को वैश्य करेगा मतदान और जो नहीं करेगा वैश्य का सम्मान , वैश्य नहीं करेगा उसको मतदान।

इस नीति के तहत अपना फैसला सुरक्षित रखते हुए वैश्य महासम्मेलन के नेता अनिल कुमार साहा ने कहा कि हमारा वैश्य समाज चौकाने वाला निर्णय लेकर इस उप चुनाव में सही राजनीतिक मार्गदर्शन और सुरक्षा की गारंटी देने वाले के पक्ष में ही गुप्त मतदान करेगा।