रूपौली विधानसभा उपचुनाव: त्रिकोणीय मुकाबले में निर्दलीय प्रत्याशी शंकर सिंह की जीत की संभावना प्रबल
पूर्णिया जिले के रूपौली विधानसभा क्षेत्र में आगामी 10 जुलाई को होने वाले उपचुनाव के लिए सरगर्मी चरम पर है। निर्दलीय प्रत्याशी शंकर सिंह, राजद की प्रत्याशी बीमा भारती, और एनडीए के जदयू प्रत्याशी कलाधर मंडल के बीच त्रिकोणीय मुकाबला हो रहा है। जदयू के कलाधर मंडल को मंत्री लेसी सिंह का समर्थन प्राप्त है, जबकि बीमा भारती पिछले पांच टर्म से विधायक रही हैं। निर्दलीय प्रत्याशी शंकर सिंह भी छठी बार चुनाव लड़ रहे हैं, और इस बार उनकी जीत की संभावना प्रबल है। क्षेत्र में लोगों की बीमा भारती से मोहभंग और जदयू सरकार से नाराजगी के चलते शंकर सिंह की जीत संभावित मानी जा रही है।
सीमांचल (पिंटू / विकास)
पूर्णिया जिले के रूपौली विधान सभा क्षेत्र में विधान सभा उप चुनाव की सरगर्मी अब अंतिम उफान पर है।
आगामी 10 जुलाई को होने वाले मतदान की तारीख ज्यों ज्यों नजदीक आती जा रही है त्यों त्यों इस उप चुनाव की बाजी जीतने की जी तोड़ प्रयास में लगे उम्मीदवारों का जन संपर्क अभियान तेज होता जा रहा है।
निर्दलीय प्रत्याशी शंकर सिंह , राजद की प्रत्याशी बीमा भारती और एनडीए के जदयू प्रत्याशी कलाधर मंडल के बीच उत्पन्न कांटे के त्रिकोणीय मुकाबले की जबरदस्त दृश्य को देखकर जीत और हार को लेकर किसी के द्वारा कोई आंकलन करने की हिम्मत नहीं दिखाई जा रही है।
सूत्रों के अनुसार , सत्तारूढ़ जदयू के प्रत्याशी कलाधर मंडल के माथे पर बिहार सरकार की मंत्री लेसी सिंह का आशीर्वाद है और कलाधर मंडल को मंत्री लेसी सिंह की अनुशंसा पर ही उम्मीदवारी प्रदान की गई है।
लेकिन , क्षेत्र की चुनावी राजनीति के क्षेत्र में राजद की प्रत्याशी बीमा भारती पुरानी खिलाड़ी हैं जो विगत पांच टर्म से विधायक निर्वाचित होती आ रही हैं।
इसके अलावा निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में उतरे रूपौली के पूर्व विधायक शंकर सिंह भी छठी बार इस विधान सभा क्षेत्र से अपना भाग्य आजमाने में लगे हैं।
निर्दलीय प्रत्याशी शंकर सिंह पिछले सभी चुनावों में अल्प मतों से ही पिछड़ते रहे थे लेकिन इस बार उनकी जीत की संभावना बलबती होती नजर आ रही है।
क्षेत्र में चर्चा है कि बीमा भारती को रूपौली ने लगातार पांच बार कामयाब बनाकर जांचा और परखा है और इस बार स्वाद बदलने की चाहत जगी हुई है तो लोग बाग अपनी नजर सीधे शंकर सिंह पर टिका दिए हैं।
बिहार की भाजपा जदयू गठबंधन वाली एनडीए की नीतीश कुमार की सरकार से बढ़ती चली आ रही जनता की नाराजगी को लेकर इस बार अंदाजा लगाया जा रहा है कि इस क्षेत्र में इस बार जदयू की कामयाबी संदिग्ध रहेगी।
लिहाजा , इस बार निर्दलीय प्रत्याशी शंकर सिंह की संभावित जीत को सुनिश्चित माना जाने लगा है।