प्रशांत किशोर वैनिटी वैन विवाद: बिहार राजनीति में कॉरपोरेट और भाजपा कनेक्शन का खुलासा

प्रशांत किशोर की वैनिटी वैन (रजिस्ट्रेशन नंबर PB13AY9000) और उससे जुड़े तथ्य उनके राजनीतिक और कॉरपोरेट नेटवर्क पर सवाल खड़े करते हैं। वैन की मालिक कंपनी Sunstar Sales & Distribution Pvt Ltd में पूर्व सांसद उदय सिंह उर्फ पप्पू सिंह और उनके परिवार के सदस्य निदेशक हैं। इसके अलावा, जनसुराज अभियान को फंडिंग देने वाली JOGGF कंपनी में भी उदय सिंह, उनके बेटे, और सरत कुमार मिश्रा (जनसुराज के अध्यक्ष) शामिल हैं। कई सेल कंपनियों के जरिए ब्लैक मनी को वाइट कर जनसुराज अभियान चलाने के आरोप हैं। इनका कनेक्शन गौतम अदानी के पूर्व सहयोगियों और भाजपा के नेताओं से भी जोड़ा जा रहा है। प्रशांत किशोर पर भाजपा का एजेंट होने और वैश्विक कॉरपोरेट ताकतों के लिए काम करने के गंभीर आरोप लगे हैं, जो बिहार की राजनीति में गहरे गठजोड़ की ओर इशारा करते हैं।

प्रशांत किशोर वैनिटी वैन विवाद: बिहार राजनीति में कॉरपोरेट और भाजपा कनेक्शन का खुलासा

फैसल सुल्तान

बिहार की राजनीति में "कंबल पांडेय" के नाम से चर्चित प्रशांत किशोर एक बार फिर सुर्खियों में हैं। इस बार मामला उनकी वैनिटी वैन का है, जिसे लेकर कई सनसनीखेज खुलासे हुए हैं। इस वैन का उपयोग केवल उनकी यात्रा के लिए नहीं, बल्कि उनके राजनीतिक और आर्थिक नेटवर्क को समझने का भी माध्यम बन गया है।

वैनिटी वैन और उससे जुड़े सवाल

प्रशांत किशोर की वैनिटी वैन, जिसका रजिस्ट्रेशन नंबर PB13AY9000 है, Sunstar Sales & Distribution Pvt Ltd नामक कंपनी के नाम पर दर्ज है। इस कंपनी में तीन प्रमुख डायरेक्टर हैं:

  1. सुशील कुमार सिंह
  2. रूबी सिंह (पूर्व सांसद उदय सिंह उर्फ पप्पू सिंह की पत्नी)
  3. अशोक बहादुर

इस कंपनी का कनेक्शन दूसरी कंपनियों और प्रभावशाली व्यक्तियों से भी जुड़ा है। उदाहरण के लिए, S-CCI India Pvt Ltd नामक कंपनी के प्रबंधन में भी वही नाम नजर आते हैं, जो प्रशांत किशोर के नेटवर्क का हिस्सा हैं।

पूर्णिया के पूर्व सांसद उदय सिंह और उनका प्रभाव

उदय सिंह, जो पूर्णिया के पूर्व सांसद और भाजपा के करीबी माने जाते हैं, कई कंपनियों के निदेशक हैं। इनमें से एक प्रमुख कंपनी JOGGF (Joy of Giving Global Foundation) है। इस कंपनी के तीन निदेशक हैं:

  1. उदय सिंह उर्फ पप्पू सिंह
  2. सरत कुमार मिश्रा (जो चुनाव आयोग के ऑडिट पर जनसुराज के अध्यक्ष भी हैं)
  3. अभिनव सिंह (उदय सिंह के बेटे)

JOGGF ही वह कंपनी है, जो जनसुराज अभियान को वित्तीय सहायता, संसाधन और अन्य खर्च मुहैया कराती है।

गौतम अदानी और वैश्विक संबंधों का पहलू

JOGGF कंपनी के साथ गौरव भटेले जैसे व्यक्तियों का नाम भी जुड़ा है, जो पहले गौतम अदानी के साथ काम कर चुके हैं। इसके अलावा, दिल्ली के पश्चिम मार्ग और हेली रोड में कई सेल कंपनियों का संचालन होता है, जिनमें सरत कुमार मिश्रा का नाम कॉमन है।

यह दावा किया जा रहा है कि इन सेल कंपनियों के माध्यम से जनसुराज के लिए ब्लैक मनी को वाइट किया जा रहा है। बावजूद इसके, न तो ईडी (ED) की नजर इन पर जाती है और न ही आयकर विभाग की कार्रवाई होती है।

प्रशांत किशोर और भाजपा के संबंध

प्रशांत किशोर पर यह आरोप लगाया जा रहा है कि उनका भाजपा के साथ गहरा संबंध है।

  • अमित शाह ने उन्हें जदयू में शामिल कराया।
  • भाजपा के करीबी उदय सिंह ने उनकी वैनिटी वैन और पटना स्थित शेखपुरा हाउस उपलब्ध कराया।

उदय सिंह के बड़े भाई एनके सिंह, जो वाजपेयी सरकार में कैबिनेट सचिव थे, वर्तमान में मोदी सरकार के करीबी माने जाते हैं। एनके सिंह का वैश्विक पूंजीवादी लॉबी में खास प्रभाव है।

बिहार की राजनीति में कॉरपोरेट ताकतों का दखल

जनसुराज को फंडिंग करने वाली कंपनियों और व्यक्तियों का इतिहास वैश्विक कॉरपोरेट ताकतों और भारतीय राजनीति के शीर्ष पर बैठे लोगों से जुड़ा है। यह पूरा नेटवर्क बिहार में "कंबल बांटने" जैसे जनसुराज के अभियानों के पीछे की कहानी को उजागर करता है।

निष्कर्ष

यह खुलासा केवल प्रशांत किशोर के राजनीतिक एजेंडे पर सवाल नहीं उठाता, बल्कि बिहार की राजनीति में कॉरपोरेट और राजनीतिक ताकतों के गठजोड़ की ओर इशारा करता है। यह स्पष्ट है कि जनसुराज जैसे अभियानों के पीछे केवल सामाजिक सेवा नहीं, बल्कि बड़े पैमाने पर आर्थिक और राजनीतिक स्वार्थ काम कर रहे हैं।

अब सवाल यह है कि क्या प्रशांत किशोर वाकई बिहार के युवाओं के लिए काम कर रहे हैं, या वे वैश्विक कॉरपोरेट ताकतों के एजेंट बनकर राज्य की राजनीति में अपना खेल खेल रहे हैं?