पूर्णिया एयरपोर्ट से होते हुए 24 फरबरी को भागलपुर कार्यक्रम में शामिल होंगे प्रधानमंत्री मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 24 फरवरी को भागलपुर में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होंगे, जहां वे पूर्णिया एयरपोर्ट के ट्रांजिट परिभ्रमण के तहत गुजरेंगे। इस मौके पर बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष एवं विधान पार्षद डॉ. दिलीप जायसवाल के नेतृत्व में कार्यकर्ता भव्य स्वागत की तैयारी कर रहे हैं। पूर्णिया जिला मुखिया संघ के जिलाध्यक्ष शमशाद आलम बड़े काफिले के साथ भागलपुर रवाना हो चुके हैं। उन्होंने दावा किया कि सीमांचल की बहुसंख्यक मुस्लिम आबादी में पहली बार प्रधानमंत्री मोदी के प्रति सकारात्मक रुझान देखने को मिल रहा है। आगामी बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर सीमांचल में राजनीतिक बदलाव के संकेत मिल रहे हैं। पारंपरिक रूप से एनडीए विरोधी माने जाने वाले इस क्षेत्र में भाजपा को समर्थन बढ़ने की संभावना जताई जा रही है, जिससे विपक्षी दलों के लिए नई चुनौतियां खड़ी हो सकती हैं।

सीमांचल (विशाल/पिंटू/विकास)
बिहार प्रदेश भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सह सीमांचल के हर दिल अजीज विधान पार्षद डॉ दिलीप जायसवाल के सानिध्य में देश के प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी का स्वागत करने के लिए पूर्णिया जिला मुखिया संघ के जिलाध्यक्ष मुखिया शमशाद आलम बड़े काफिले के साथ भागलपुर के लिए कूच किए हैं।
बिहार के सबसे बड़े मुस्लिम बहुल क्षेत्र सीमांचल के पूर्णिया जिला मुखिया संघ के जिलाध्यक्ष मुखिया शमशाद आलम ने इस क्रम में बताया कि उनके सीमांचल क्षेत्र के पूर्णिया किशनगंज और अररिया जिले के लोकप्रिय विधान पार्षद डॉ दिलीप जायसवाल की मानवता सेवा और जात पात से ऊपर वाली जाति विहीन राजनीति के कारण यह पहला अवसर है कि सीमांचल भर के बहुसंख्यक आबादी में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रति आकर्षण बढ़े हैं और इस बदलते हुए मिजाज़ के कारण सीमांचल की बहुसंख्यक मुस्लिम आबादी मोदी जी के स्वागत में बढ़चढ़कर हिस्सा लेने को उत्सुक हो रही है।
उन्होंने प्रधानमंत्री के भागलपुर कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पूर्णिया से भागलपुर के लिए कूच करते समय दावा किया है कि सीमांचल में इस बार के आने वाले अगले विधान सभा चुनाव में पूर्व की परंपरागत एनडीए विरोधी मिजाज में बदलाव होने की संभावना बलबती हो रही है जिसके कारण सीमांचल में आगामी विधानसभा चुनाव के दौरान सीमांचल की परंपरागत दलीय प्रतिबद्धता भी टूट फूट कर बिखरने की तैयारी में है और विपक्षी दलों के अस्तित्व पर सवाल खड़े होने की संभावना को अभी से ही बल मिलता दिखाई दे रहा है।