सीमांचल में नीतीश कुमार का इकबाल बरकरार रखने में जुटे जदयू नेता मेजर इकबाल

सीमांचल में मुस्लिम मतदाताओं का समर्थन बनाए रखने के लिए जदयू अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रदेश महासचिव मेजर इकबाल ने व्यापक पहल शुरू की है। उन्होंने सीएए और एनआरसी के दुष्प्रचार का खंडन करते हुए नीतीश कुमार की विकास योजनाओं, जैसे किशनगंज में एएमयू शाखा की स्थापना, मदरसा सुधार, और उर्दू अनुवादकों की नियुक्ति को मुस्लिम हित में महत्वपूर्ण बताया। मेजर इकबाल सीमांचल को लेदर इंडस्ट्री का हब बनाने और रोजगार सृजन की योजनाओं को भी आगे बढ़ा रहे हैं। जदयू नेता मास्टर मुजाहिद आलम ने भी नीतीश कुमार की धर्मनिरपेक्ष नीतियों को मुस्लिम समाज के लिए लाभकारी बताया। सीमांचल में जदयू की यह रणनीति मुस्लिम समाज के विश्वास को पुनः स्थापित करने और दुष्प्रचार का मुकाबला करने की दिशा में अहम भूमिका निभा रही है।

सीमांचल में नीतीश कुमार का इकबाल बरकरार रखने में जुटे जदयू नेता मेजर इकबाल

सीमांचल  (अशोक/विशाल)

  1. "सीमांचल में नीतीश कुमार के कार्यों का प्रभाव"
  2. "जदयू नेता मेजर इकबाल का मुस्लिम समुदाय से संवाद"

प्रगति संवाद यात्रा के क्रम में सीमांचल पूर्णिया प्रमंडल के चारो जिले किशनगंज , अररिया , पूर्णिया और कटिहार में पधारने वाले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रति सीमांचल की बहुसंख्यक मुस्लिम आबादी का मिजाज़ दुरूस्त करने के लिए बिहार प्रदेश जदयू अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के वरीय प्रदेश नेताओं की जमात सीमांचल पहुंच गई है और सभी घूम घूम कर सीमांचल के चारो जिलों में अल्पसंख्यक समुदाय की जनता को स्मरण करा रहे हैं कि जदयू के नेता सह बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार किस तरह से उन सभी की निःस्वार्थ सेवा में लीन हैं और अपनी पार्टी के उम्मीदवारों की पराजय के बाबजूद इस क्षेत्र का विकास करने से पीछे नहीं हटे हैं।

सीमांचल पूर्णिया प्रमंडल में पहुंची बिहार प्रदेश जदयू अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रदेश नेताओं की टीम में शामिल प्रकोष्ठ के प्रदेश महासचिव मेजर इकबाल खान ने इस क्रम में सीमांचल के बहुसंख्यक अल्पसंख्यकों से कहा कि नीतीश कुमार का बीजेपी संग आना या नहीं आना कोई मायने नहीं रखता है।हम सभी मुसलमानों को तो सिर्फ यह सोंचनें की जरूरत है कि हम सभी मुसलमानों का शोषण कहां से प्रारंभ हुआ और किसने किया।

उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के बीजेपी संग रहने मात्र से ही हम सभी मुसलमान नीतीश कुमार से खाड़ खाये बैठे हैं लेकिन यह कभी नहीं देखा कि नीतीश कुमार बीजेपी संग सरकार में रहते हुए भी किस प्रकार से किसी बीजेपी नेता के द्वारा अल्पसंख्यक विरोधी पैतरा भांजने पर उस नेता को सलाखों के पीछे की हवा खिलाने में नाम मात्र की भी देरी नहीं करते हैं।

उन्होंने विस्तार से बताया कि बीजेपी के साथ एनडीए की बिहार सरकार में मुख्यमंत्री के पद पर रहते हुए नीतीश कुमार ने बीजेपी के अति प्रभावशाली नेता अश्विनी कुमार चौबे के पुत्र अर्जित शाश्वत को धार्मिक उदंडता और हिंदू कट्टरवादिता दिखाने के आरोप में भागलपुर में ही गिरफ्तार कराकर उसे सलाखों के पीछे डाल दिया।

उन्होंने मुसलमानों से कहा कि नीतीश कुमार अपने 19 वर्षों के मुख्यमंत्रित्वकाल में सूबे बिहार में कभी भी मुसलमानों का अहित होने नहीं दिया।

इस क्रम में किशनगंज जिला जदयू के जिलाध्यक्ष सह पूर्व जदयू विधायक मास्टर मुजाहिद आलम ने मुसलमानों को बताया कि बतौर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार में बकवास नहीं वल्कि काम करते हैं।

उन्होंने कहा कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की शर्तों के मुताबिक बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 30 दिसंबर 2011 को एक प्लॉट में किशनगंज शाखा के लिए जमीन हस्तांतरित किया , जिसके बाद 2014 तक दिल्ली की गद्दी पर आसीन रही तत्कालीन यूपीए सरकार ने एएमयू की किशनगंज शाखा को विकसित कराने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई।उक्त शाखा के लिए किसी भी पोस्ट का सृजन तक नहीं किया और न खुद के द्वारा घोषित केंद्रीय अनुदान की राशि को रिलीज किया।

जदयू के पूर्व विधायक मास्टर मुजाहिद आलम ने कहा कि तत्कालीन यूपीए सरकार ने किशनगंज में एएमयू की शाखा के शिलान्यास का दिखावा कर कामयाब राजनीतिक साजिशों के तहत सीमांचल के अल्पसंख्यकों के वोटों की ठगी की।दूसरी तरफ एनडीए सरकार के खिलाफ झूठ का प्रसार किया।

उन्होंने कहा कि इस इलाके से उनका एम एल ए और एम पी चुनाव जीता या नहीं , इस बात का उन्हें कभी कोई मलाल नहीं हुआ और क्षेत्र के विकास कार्यों में इस इलाके के साथ आज तक कोई भेदभाव नहीं किया।

सड़क , पुल पुलिया , स्कूल से कॉलेजों तक की भरमार कर दिया।

उन्होंने कहा कि मदरसों के शिक्षकों की हुई बेहतरी हो या भारी संख्या में उर्दू अनुवादकों की नियुक्ति का मामला हो नीतीश कुमार का नाम रोशन रहेगा।

जदयू के पूर्व विधायक मास्टर मुजाहिद आलम ने कहा कि नीतीश कुमार ने अकलियतों के हित में किशनगंज की 17 हाई स्कूलों की संख्या बढ़ाकर 144 कराया ,  छात्रावास युक्त एस सी एस टी विद्यालय स्थापित किया , इंजीनियरिंग कॉलेज स्थापित किया , नर्सेस कॉलेज , छात्रावास युक्त निःशुल्क अल्पसंख्यक विद्यालय स्थापित कर सारी सुविधाएं मच्छरदानी से जॉनवाज तक मुफ्त उपलब्ध कराया।जबकि केंद्रीय सरकार के नवोदय विद्यालय में भी छात्रों से 6 सौ रूपये माहवारी वसूले जाते हैं।

जदयू के पूर्व विधायक ने कहा कि किशनगंज में महिला आई टी आई भी स्थापित किए गए हैं और सबसे बड़ी बात यह कि किशनगंज को लेदर इंडस्ट्री के क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए किशनगंज को अल्पसंख्यक उद्यमी योजनांतर्गत लेदर इंडस्ट्री का हब बनाया जा रहा है।

लेकिन , उन्होंने दुख जताया कि किशनगंज के लोगों को जब विपक्षी दलों के नेताओं द्वारा भड़काया गया कि किशनगंज में स्थापित इंजीनियरिंग कॉलेज और एस सी एस टी विद्यालय ही एन आर सी व सी ए ए के अंतर्गत डिटेंशन सेंटर में इस्तेमाल किया जाने वाला है तो इस इलाके के लोग दिग्भ्रमित होकर नीतीश कुमार की पार्टी को वोट नहीं दिए।

अर्थात , सीमांचल क्षेत्र के बहुसंख्यक मुस्लिम समाज का मिजाज़ बदलने की मुहिम में शामिल हुए जदयू के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के नेता मेजर इकबाल ने ठान लिया है कि इस बार के आने वाले अगले विधान सभा चुनाव तक में वह सीमांचल के मुसलमानों का मिजाज़ दुरूस्त करेगे।