मोतिहारी बिहार पुल कोलेप्स : बिहार में एक हफ्ते में तीसरा पुल भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा

बिहार में एक हफ्ते के अंदर तीसरा पुल गिरने का मामला सामने आया है। यह घटना मोतिहारी के घोड़ासहन प्रखंड में घटी, जहां अमवा से चैनपुर स्टेशन जाने वाले पुल का एक हिस्सा ढह गया। पुल का निर्माण लगभग डेढ़ करोड़ रुपये की लागत से हो रहा था और इसे धीरेंद्र कंस्ट्रक्शन प्रा. लिमिटेड द्वारा बनाया जा रहा था। इस घटना के बाद से पुल निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल उठने लगे हैं।

मोतिहारी बिहार पुल कोलेप्स : बिहार में एक हफ्ते में तीसरा पुल भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा

फैसल सुल्तान 

बिहार में पुलों के गिरने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। पिछले एक हफ्ते में तीसरा पुल भ्रष्टाचार का शिकार बन गया है। अररिया और सीवान के बाद अब मोतिहारी में एक और पुल ढह गया, जिससे जनता के टैक्स का पैसा पानी में बह गया। यह पुल घोड़ासहन प्रखंड के अमवा से चैनपुर स्टेशन जाने वाली सड़क पर बन रहा था। जानकारी के अनुसार, इस पुल का निर्माण लगभग डेढ़ करोड़ रुपये की लागत से हो रहा था।

इस हफ्ते में अररिया और सीवान में भी पुल गिरने की घटनाएं हुई हैं, जिससे यह साफ हो रहा है कि बिहार में पुल निर्माण में भ्रष्टाचार और लापरवाही हो रही है। जिला प्रशासन ने पुराने पुलों की मियाद खत्म होने का हवाला दिया है, जबकि डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ने इसे पुराने पुलों की समस्या बताया।

विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने इस मुद्दे पर सरकार की आलोचना की और कहा कि जनता को सही तथ्यों से अवगत कराया जाना चाहिए। इस मामले ने बिहार में भ्रष्टाचार के खिलाफ जनता के बीच गुस्सा और असंतोष बढ़ा दिया है।

पुल ढहने की घटना

बताया जा रहा है कि इस पुल का ढलाई शनिवार, 22 जून को हुई थी और अगले ही दिन, रविवार, 23 जून को इसका एक हिस्सा गिर गया। सुबह ग्रामीणों ने देखा कि पुल का एक हिस्सा जमींदोज हो गया है। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। पुल का निर्माण धीरेंद्र कंस्ट्रक्शन प्रा. लिमिटेड श्रीकृष्णनगर द्वारा कराया जा रहा था।

पुलों की गिरावट पर सवाल

इस हफ्ते में यह तीसरा पुल है जो गिरा है, जिससे यह सवाल उठने लगे हैं कि एक महीने के अंदर तीन पुल कैसे गिर सकते हैं। बिहार में पुलों के निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल उठ रहे हैं। इससे पहले इसी सप्ताह अररिया और सीवान में दो अलग-अलग पुल गिर चुके हैं। शनिवार, 22 जून को सीवान में एक पुल गिरने की घटना हुई थी, जो महाराजगंज-दरोंदा विधानसभा के बॉर्डर को जोड़ने वाला था। लोगों का कहना है कि बिना बारिश के पुल का इस तरह गिरना बहुत हैरान करने वाली बात है।

जिला प्रशासन की प्रतिक्रिया

सीवान की घटना पर जिला मजिस्ट्रेट मुकुल कुमार गुप्ता ने कहा था कि यह पुल बहुत पुराना था और नहर से पानी छोड़े जाने पर खंभे ढह गए। उन्होंने कहा कि प्रशासन की कोशिश है कि लोगों को कम से कम असुविधा का सामना करना पड़े।

अररिया की घटना

अररिया में लगभग 180 मीटर लंबा एक नवनिर्मित पुल भी इसी सप्ताह ढह गया था। यह पुल सिकटी में बकरा नदी पर बना था और उद्घाटन से पहले ही गिर गया।

डिप्टी सीएम विजय सिन्हा का बयान

बिहार के डिप्टी सीएम और बीजेपी के वरिष्ठ नेता विजय सिन्हा ने पुलों की गिरावट पर एक अजीबो-गरीब बयान दिया है। उन्होंने कहा कि जो पुल टूटे हैं, वह पर्थ निर्माण विभाग या ग्रामीण कार्य विभाग के नहीं हैं। उनके अनुसार, टूटे हुए पुल 35-40 साल पुराने थे और उनकी मियाद खत्म हो चुकी थी। विजय सिन्हा ने कहा कि करोड़ों रुपये खर्च कर बनाए गए पुलों की उम्र केवल 30-35 साल होती है, जबकि देश में अंग्रेजों के बनाए कई पुल अभी भी मजबूती से खड़े हैं।

विपक्ष की प्रतिक्रिया

नेता-प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इस मुद्दे पर डिप्टी सीएम पर निशाना साधा और कहा कि जनता को आधी-अधूरी जानकारी देकर गुमराह नहीं करना चाहिए। उन्हें पूरी जानकारी और तथ्यों के साथ बात करनी चाहिए। बिहार में पुलों की लगातार गिरावट भ्रष्टाचार की कहानी को उजागर कर रही है और इस पर देशभर में हंगामा मचा हुआ है।