युवा राजद के प्रदेश उपाध्यक्ष एम के रिजवी उर्फ नन्हा मुस्ताक ने शांतिपूर्वक संपन्न होली के त्यौहार को लेकर जनता और प्रशासन के प्रति आभार जताया
युवा राजद के प्रदेश उपाध्यक्ष एम के रिजवी उर्फ नन्हा मुस्ताक ने शांतिपूर्ण होली संपन्न होने पर जनता और प्रशासन का आभार जताया। उन्होंने किशनगंज की गंगा-जमुनी तहजीब की सराहना की, जहां 70-75% मुस्लिम आबादी के बीच बड़े इमामबाड़े में होलिका दहन कर आपसी प्रेम व भाईचारे की मिसाल पेश की गई। उन्होंने सांप्रदायिक राजनीति करने वालों को सीख लेने की नसीहत दी। अपने दिवंगत पिता मुन्ना मुस्ताक को याद करते हुए उन्होंने कहा कि सीमांचल अमन-चैन का प्रतीक है और यहां नफरत की राजनीति की कोई जगह नहीं।

सीमांचल (अशोक/विशाल)
किशनगंज स्थित बिहार प्रदेश युवा राजद के प्रदेश उपाध्यक्ष सह आगामी विधानसभा चुनाव के भावी राजद प्रत्याशी इंजीनियर एम के रिजवी उर्फ नन्हा मुस्ताक ने सीमांचल क्षेत्र सहित संपूर्ण बिहार वासियों को होली रमजान शरीफ और सरहुल पर्व की शुभकामनाएं देते हुए कहा है कि सीमांचल ही नहीं वल्कि सम्पूर्ण बिहार वासियों के लिए किशनगंज जिला इस बार भी गंगा जमुनी तहजीब वाली आपसी प्रेम और भाईचारगी का सबसे बड़ा मिसाल साबित हुआ।
उन्होंने बताया कि 70 से 75 प्रतिशत मुस्लिम आबादी वाले किशनगंज क्षेत्र में शहर के बीचोबीच स्थापित सबसे बड़े बड़ा इमामबाड़े के कैम्पस में संपन्न कराये गए होलिका दहन के कार्यक्रम से सीमांचल की परंपरागत गंगा जमुनी तहजीब ने जो मिसाल कायम किया है उससे इस राज्य में वोट की राजनीति के तहत नफरत का राजनीतिक कारोबार करने वाले फिरकापरस्त राजनीतिक दलों और उसके नेताओं को सीख लेनी चाहिए और अनर्गल बयानबाजियों से बचना चाहिए।
उन्होंने कहा कि किशनगंज सहित सम्पूर्ण सीमांचल में हिंदू मुस्लिम एकता और भाईचारगी किस हद तक अटूट और मजबूत है इससे नफरती नेताओं को सबक लेनी चाहिए।
सीमांचल की परंपरागत गंगा जमुनी तहजीब वाली राजनीति के वाहक रहे अपने स्वर्गवासी पिता सह वर्ष 1980 से 1995 तक किशनगंज से विधायक और मंत्री रह चुके मुन्ना मुस्ताक की यादों को ताजा करते हुए बिहार प्रदेश युवा राजद के प्रदेश उपाध्यक्ष सह आगामी विधानसभा चुनाव के भावी प्रत्याशी एम के रिजवी उर्फ नन्हा मुस्ताक ने कहा कि वर्तमान राजनीति के क्षेत्र में भले ही हमारा अल्पसंख्यक समुदाय बेहद परहेज़ करते हुए अपने हक व हुकूक की लड़ाई लड़ता आ रहा है लेकिन इसके साथ साथ वर्तमान राजनीतिक हालातों के कारण हमारा देश बीमार भी होता जा रहा है।जिस स्थिति में हमारा अल्पसंख्यक समाज लगातार इस्लाम धर्म के अनुकूल समाज को अमन चैन और भाईचारगी का संदेश दे रहा है।
उन्होंने कहा कि यही कारण है कि बिहार में सबसे बड़े मुस्लिम बहुल क्षेत्र होने के बाबजूद हमारा सीमांचल अमन चैन और भाईचारगी शांति का प्रतीक बना हुआ है।
उन्होंने संपूर्ण सीमांचल में शांतिपूर्ण तरीके से होली के त्यौहार को संपन्न कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले पुलिस और प्रशासनिक महकमें के प्रति आभार जताते हुए कहा कि सांप्रदायिकता और धर्मनिरपेक्षता की कथित राजनीतिक शब्दों के साथ कुर्सी पर बने रहने के लिए राजनीति करने में लगे नेताओं के लिए इस सीमांचल में अब जगह मिलने की कोई गुंजाइश ही नहीं है।