कसबा विधानसभा सीट पर भाजपा की वापसी की कोशिश
कसबा विधानसभा क्षेत्र, जो पिछले तीन चुनावों से कांग्रेस के कब्जे में है, अब भाजपा के लिए प्राथमिकता बन गया है। कांग्रेस के विधायक आफाक आलम लगातार जीतते रहे हैं, लेकिन उनकी अस्वस्थता के कारण 2025 के चुनावों में उनकी भागीदारी अनिश्चित है। इस स्थिति का लाभ उठाने के लिए भाजपा ने अपनी तैयारी तेज कर दी है। भाजपा नेता किशोर कुमार जायसवाल, जो स्थानीय निवासी और प्रभावशाली नेता हैं, क्षेत्र की जनता के समर्थन से टिकट की दावेदारी पेश कर रहे हैं। उनका कहना है कि क्षेत्र की जनता अब लोकल उम्मीदवार चाहती है, जिससे उनकी जीत की संभावना बढ़ जाती है। भाजपा के लिए यह सीट महत्वपूर्ण है क्योंकि पूर्व में दो बार इसके विधायक प्रदीप दास रह चुके हैं। पार्टी नेतृत्व और प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिलीप जायसवाल से टिकट मिलने की उम्मीद पर जायसवाल अपना जनसंपर्क अभियान तेज कर रहे हैं। भाजपा की रणनीति 2020 के चुनाव परिणामों के विश्लेषण और मजबूत जातिगत आधार पर केंद्रित होगी, खासकर वैश्य और मुसहर समुदाय के निर्णायक वोटरों पर। पार्टी कार्यकर्ता नेतृत्व से टिकट की पुष्टि के लिए प्रयासरत हैं।

सीमांचल (अशोक/विशाल)
- "कसबा में 2020 के नतीजों का हो रहा है गहराई से मूल्यांकन।"
- "दिलीप जायसवाल की मंजूरी से तय होगा टिकट।"
- "वैश्य और मुसहर वोटर्स का रुख होगा निर्णायक।
- "क्या कसबा सीट पर कांग्रेस का वर्चस्व टूटेगा?"
मुस्लिम बहुल अररिया विधान सभा क्षेत्र , अमौर विधान सभा क्षेत्र और बायसी विधान सभा क्षेत्र से जुड़े और घिरे पूर्णिया जिले के कसबा विधान सभा क्षेत्र में जो मनोवैज्ञानिक प्रभाव पड़ा है उसके परिणामस्वरूप ही विगत पिछले तीन विधान सभा चुनावों से कसबा की सीट पर कांग्रेस चुनाव जीतती आ रही है।
2010 , 2015 और 2020 के विधान सभा चुनावों में कांग्रेस विधायक के रूप में आफाक आलम लगातार चुनाव जीतते रहे हैं।एक बार मंत्री पद पर भी सुशोभित होने का उन्हें सौभाग्य प्राप्त हुआ।
लेकिन , अब उनके अस्वस्थ हो जाने के कारण आशंका जताई जा रही है कि शायद वह 2025 का चुनाव लड़ने से परहेज कर जाएं।
ऐसी स्थिति में कसबा विधान सभा क्षेत्र को फिर से अपने पाले में घसीट लाने की कोशिश में बीजेपी की भारी तैयारी शुरू हो गई है।
बीजेपी का मानना है कि कांग्रेस के आफाक से पहले लगातार दो टर्म तक उस सीट पर उनकी पार्टी के विधायक प्रदीप दास भी रह चुके थे इसलिए अबकी बार कसबा विधान सभा क्षेत्र की सीट की बीजेपी में वापसी कराने की सख्त जरूरत है।
बीजेपी की इसी मानना के आलोक में कसबा विधान सभा क्षेत्र की सीट से बीजेपी की आगामी चुनावी टिकट हांसिल कर चुनाव मैदान में कूदने की पुरजोर तैयारी में विद्यार्थी परिषद से बीजेपी तक बतौर नेता लोकप्रिय माने जाते रहे लोकल नेता किशोर कुमार जायसवाल पूरी शिद्दत से जुट गए हैं।
इनका कहना है कि कसबा विधान सभा क्षेत्र से शिव चरण मेहता और आफाक आलम जैसे मात्र दो ही विधायक कसबा लोकल क्षेत्र के निवासी रहे और इन सभी के अलावे शेष रहे विधायकों में से एक बीजेपी वाले पूर्व विधायक प्रदीप दास भी अमौर से आकर यहां का चुनाव जीते थे और उनसे पूर्व में मोहम्मद यासीन साहब भी अररिया से यहां पर आकर चुनाव जीते थे।
अबकीबार कसबा विधान सभा क्षेत्र की जनता की स्पष्ट मांग है कि अगर बीजेपी कसबा विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत के निवासी लोकल प्रत्याशी को कसबा की सीट से चुनाव में उतारेगी तो उक्त प्रत्याशी की जीत सुनिश्चित हो सकती है।
2025 की आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर क्षेत्र में जारी चर्चाओं के अनुसार , कसबा विधान सभा क्षेत्र की जनता ने ही बीजेपी नेता किशोर कुमार जायसवाल को चुनाव मैदान में कूदने की तैयारी शुरू करने का आमंत्रण दिया है।
खासकर इस विधान सभा क्षेत्र के बीजेपी प्रभावित ठोस बीजेपी के गढ़ श्री नगर प्रखंड क्षेत्र से बीजेपी नेता किशोर कुमार जायसवाल को बीजेपी की टिकट पर चुनाव मैदान में कूदने के लिए आमंत्रित किया गया है।कसबा विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत का श्रीनगर प्रखंड क्षेत्र बीजेपी के लिए सदैव निर्णायक क्षेत्र रहा है और उसी श्रीनगर प्रखंड क्षेत्र से चुनाव मैदान में कूदने के लिए जलालगढ़ निवासी बीजेपी नेता किशोर कुमार जायसवाल को लगातार ललकारा जा रहा है।
लेकिन , सारी तैयारियां और पुरजोर जनसंपर्क अभियान शुरू करने के बाबजूद बीजेपी नेता किशोर कुमार जायसवाल बीजेपी के टिकट के दावेदार मात्र ही हैं , टिकट के प्रति पूरी तरह से आश्वस्त नहीं हैं।क्योंकि किशोर कुमार जायसवाल का भी मानना है कि बीजेपी का चुनावी टिकट मिलना आसान नहीं होता है।वह अपनी ओर से लगातार जन संपर्क अभियान चला रहे हैं और पूरी शिद्दत से मेहनत करने में लगे हुए हैं लेकिन मानते हैं कि टिकट मिलने की मेहरबानी तो पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ दिलीप जायसवाल की स्वीकृति पर ही निर्भर है।
वैसे कसबा विधान सभा क्षेत्र का बीजेपी महकमा भी आश्वस्त है कि इस बार कसबा की सीट से बीजेपी का भावी प्रत्याशी एकमात्र किशोर कुमार जायसवाल ही होंगे।
बताया जाता है कि इस मद में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सह स्थानीय विधान पार्षद सह बिहार सरकार के राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री डॉ दिलीप जायसवाल से अनुरोध और गुहार लगाने को भी कसबा के पार्टी जन पूरी तैयारी में हैं और इसके लिए उचित अवसर की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
इस बीच हम यहां बता देते हैं कि कसबा विधान सभा क्षेत्र में 80 से 85 हजार वोट मूल रूप से बीजेपी के हैं जिसमें 45 हजार लगभग वैश्य समाज के वोटों को ठोस रूप में निर्णायक बनाने की मजबूत भूमिका लगभग 35 हजार मुसहर समाज के रिषी देव वोटर निभाते हैं।
बहरहाल , फिलवक्त कसबा विधान सभा क्षेत्र में 2020 वाले पिछले विधान सभा चुनाव के परिणामों का मूल्यांकन पार्टी जनों के द्वारा पूरी शिद्दत से किया जा रहा है और बताया जाता है कि उक्त मूल्यांकन से प्राप्त होने वाले निष्कर्षों के आधार पर ही पार्टी की इस क्षेत्र में चुनावी रणनीति का आगाज किया जाएगा।