जमुई के अभिषेक ने रचा इतिहास, गूगल में मिला 2 करोड़ का पैकेज

अभिषेक कुमार, बिहार के जमुई जिले से ताल्लुक रखने वाले एक होनहार युवा, ने एनआईटी पटना से बीटेक की पढ़ाई पूरी करने के बाद अमेजन में नौकरी की और अब गूगल लंदन में 2 करोड़ 7 लाख रुपये के वार्षिक पैकेज पर काम करेंगे। अभिषेक ने झाझा के स्कूल से शुरुआती पढ़ाई की और फिर पटना से इंटरमीडिएट पूरा किया। जर्मनी के बर्लिन में अमेजन और एक जर्मन कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में काम करने के बाद, उन्होंने गूगल में नौकरी के लिए आवेदन किया और पाँच चरणों के इंटरव्यू को सफलतापूर्वक पास किया। अभिषेक अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता को देते हैं, जिनमें उनके पिता इंद्रदेव यादव जमुई सिविल कोर्ट में वकील हैं और मां मंजू देवी गृहिणी हैं। उनकी इस सफलता से परिवार और क्षेत्र गर्वित है। अभिषेक का लक्ष्य गूगल में और आगे बढ़ना है।

जमुई के अभिषेक ने रचा इतिहास, गूगल में मिला 2 करोड़ का पैकेज

बिहार का एक और सितारा चमका

बिहार के युवाओं ने अक्सर अपने कड़ी मेहनत, दृढ़ निश्चय, और संघर्ष के जरिए पूरे देश और विश्व में अपनी पहचान बनाई है। इसी कड़ी में एक और नाम जुड़ गया है जमुई के अभिषेक कुमार का, जिन्होंने बिहार के छोटे से शहर से निकलकर न केवल देश के प्रतिष्ठित संस्थानों में पढ़ाई की, बल्कि अब लंदन में दुनिया की सबसे बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनियों में से एक, गूगल में नौकरी प्राप्त की है।

अभिषेक की सफलता की कहानी न केवल उनके व्यक्तिगत संघर्षों की दास्तान है, बल्कि यह उन लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा है जो छोटे शहरों से बड़े सपने देखते हैं। इस लेख में हम अभिषेक के सफर, उनकी चुनौतियों, और उनके परिवार की भूमिका को विस्तार से जानेंगे, जिन्होंने उन्हें इस मुकाम तक पहुँचाया।

अभिषेक का प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

अभिषेक कुमार का जन्म बिहार के जमुई जिले में हुआ था। जमुई, जो बिहार के अन्य हिस्सों की तरह ही विकास की राह पर संघर्ष कर रहा है, अभिषेक की प्रारंभिक शिक्षा का गवाह बना। उन्होंने अपने शुरुआती दिन झाझा के एक स्कूल में बिताए, जहाँ उन्होंने शिक्षा के प्रति अपनी रुचि को पहचाना और उसे आगे बढ़ाने का संकल्प लिया। अभिषेक की शिक्षा के प्रति लगन और मेहनत बचपन से ही दिखाई दी, और उन्होंने कम संसाधनों के बावजूद अपने सपनों को साकार करने की दिशा में कदम बढ़ाया। 

माध्यमिक शिक्षा के बाद अभिषेक ने पटना के एक प्रतिष्ठित संस्थान से इंटरमीडिएट की पढ़ाई पूरी की। इंटरमीडिएट की परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करने के बाद, अभिषेक ने देश के शीर्ष इंजीनियरिंग कॉलेजों में से एक, NIT पटना में दाखिला लिया। यहाँ से उन्होंने कंप्यूटर साइंस में बीटेक की डिग्री हासिल की।

NIT पटना से बीटेक तक का सफर

NIT पटना में अभिषेक का चार साल का सफर उनके जीवन का निर्णायक समय साबित हुआ। यह वह समय था जब उन्होंने न केवल तकनीकी ज्ञान हासिल किया, बल्कि अपने कैरियर के लक्ष्यों को भी स्पष्ट किया। कंप्यूटर साइंस के क्षेत्र में उनकी गहरी रुचि थी, और उन्होंने कोडिंग और सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट में विशेषज्ञता हासिल करने की ठानी।

अभिषेक का कहना है कि NIT पटना में बिताए गए समय ने उन्हें न केवल अकादमिक रूप से मजबूत किया, बल्कि जीवन की चुनौतियों का सामना करने के लिए भी तैयार किया। यह वही समय था जब उन्होंने देश और दुनिया की बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनियों में काम करने का सपना देखा था, और इसके लिए उन्होंने कड़ी मेहनत की।

अमेजन में नौकरी और जर्मनी का अनुभव

बीटेक की पढ़ाई पूरी करने के बाद अभिषेक ने प्लेसमेंट के दौरान देश की जानी-मानी कंपनियों में से एक, अमेजन से नौकरी का ऑफर प्राप्त किया। यह उनके करियर का पहला बड़ा कदम था, और उन्होंने इसे दोनों हाथों से थामा।

2022 में अभिषेक को अमेजन कंपनी से जर्मनी के बर्लिन शहर में नौकरी का ऑफर मिला। यह ऑफर अभिषेक के लिए एक बड़ा अवसर था, क्योंकि उन्होंने न केवल विदेश में काम करने का अनुभव प्राप्त किया, बल्कि अपनी तकनीकी क्षमताओं को भी और निखारा। जर्मनी में बिताए समय ने उन्हें अंतरराष्ट्रीय कार्य संस्कृति और नई तकनीकों के बारे में गहरा ज्ञान दिया।

अमेजन में काम करने के दौरान, अभिषेक ने बर्लिन में ही एक जर्मन कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में भी काम करना शुरू कर दिया। यह उनके कैरियर के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ था, क्योंकि उन्होंने यहाँ से अपने कौशल को और बेहतर बनाया और गूगल जैसी बड़ी कंपनी में काम करने का सपना देखा।

गूगल में नौकरी पाने का संघर्ष

अभिषेक का सपना हमेशा से ही गूगल जैसी बड़ी कंपनी में काम करने का था। गूगल में काम करना टेक्नोलॉजी की दुनिया में एक बहुत बड़ा सम्मान माना जाता है, और इसके लिए दुनिया भर के सबसे प्रतिभाशाली लोगों से प्रतिस्पर्धा होती है।

गूगल में नौकरी पाने के लिए अभिषेक को पाँच चरणों में इंटरव्यू देना पड़ा। यह प्रक्रिया आसान नहीं थी, और हर चरण में तकनीकी विशेषज्ञता और समस्या समाधान के कौशल की कड़ी परीक्षा ली जाती है। अभिषेक ने अपनी मेहनत, धैर्य और कौशल के दम पर सभी इंटरव्यू सफलतापूर्वक पास किए।

गूगल से उन्हें 2 करोड़ 7 लाख रुपये के सालाना पैकेज पर नौकरी का ऑफर मिला। यह पैकेज न केवल आर्थिक दृष्टि से बड़ा है, बल्कि यह उनके कौशल और मेहनत का भी एक बड़ा प्रमाण है।

परिवार का सहयोग और सफलता की खुशी

अभिषेक की इस सफलता से न केवल उनका परिवार गर्वित है, बल्कि पूरा जमुई जिला भी इस पर गर्व महसूस कर रहा है। अभिषेक के पिता इंद्रदेव यादव जमुई सिविल कोर्ट में वकील हैं, और उन्होंने हमेशा अपने बेटे को मेहनत और लगन से आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। उनकी मां मंजू देवी, जो गृहिणी हैं, ने अभिषेक की शिक्षा और उसके सपनों को साकार करने में पूरा सहयोग दिया।

अभिषेक का एक बड़ा भाई भी है, जो दिल्ली में रहकर सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहा है। अभिषेक के परिवार में इस सफलता से खुशी का माहौल है। उनकी मां ने कहा कि उन्हें अपने बेटे पर बहुत गर्व है और उनका आशीर्वाद हमेशा उसके साथ है। वहीं, उनके पिता ने कहा कि अभिषेक की सफलता उनकी कड़ी मेहनत और अनुशासन का परिणाम है, और वह हमेशा अपने बेटे का समर्थन करते रहेंगे।

अभिषेक की प्रेरणा और भविष्य के लक्ष्य

अभिषेक की सफलता की कहानी न केवल उनके संघर्ष की कहानी है, बल्कि यह एक संदेश भी है कि किसी भी लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है यदि हम उसमें पूरी मेहनत और लगन से जुट जाएँ। अभिषेक ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता को दिया है। उनका कहना है कि उनके माता-पिता ने हमेशा उनका साथ दिया और उन्हें कभी हार मानने नहीं दी।

गूगल में नौकरी पाकर अभिषेक बहुत खुश हैं, लेकिन उनकी यह सफलता उनकी यात्रा का अंत नहीं है। वह अभी और आगे बढ़ना चाहते हैं। अभिषेक का कहना है कि वह इस क्षेत्र में और भी बेहतर करना चाहते हैं, और उनके सपने अब और बड़े हो गए हैं।

बिहार के युवाओं के लिए प्रेरणा

अभिषेक की यह कहानी न केवल बिहार के युवाओं के लिए प्रेरणा है, बल्कि देश के उन सभी युवाओं के लिए एक संदेश है, जो बड़े सपने देखते हैं। छोटे शहरों से निकलकर दुनिया की बड़ी कंपनियों में काम करना अब असंभव नहीं रहा। अभिषेक की तरह हर युवा अपनी मेहनत और लगन से यह मुकाम हासिल कर सकता है।

इस सफलता की कहानी इस बात का प्रमाण है कि चाहे संसाधन कितने भी सीमित हों, यदि दृढ़ निश्चय और मेहनत हो, तो किसी भी लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है।