किशनगंज में कांग्रेस के भीतर व्याप्त हुआ अंतर्कलह

किशनगंज में कांग्रेस के भीतर व्याप्त हुआ अंतर्कलह, जिसमें जिलाध्यक्ष ईमाम अली चिंटू ने पूर्व विधायक तौसीफ सहित नौ कांग्रेस नेताओं को पार्टी से निष्कासित कराने की सिफारिश की है।

किशनगंज में कांग्रेस के भीतर व्याप्त हुआ अंतर्कलह

जिलाध्यक्ष ईमाम अली चिंटू ने पूर्व विधायक तौसीफ सहित नौ कांग्रेस नेताओं को पार्टी से निष्कासित कराने हेतु भेजा अनुशंसा

सीमांचल  (पिंटू / विकास)

किशनगंज जिले के बहादुरगंज विधान सभा क्षेत्र से पूर्व में चार बार कांग्रेस से विधायक निर्वाचित रह चुके कद्दावर कांग्रेस नेता तौसीफ आलम को कांग्रेस से बाहर कराने के लिए कांग्रेस के सिटिंग किशनगंज सांसद डॉ जावेद आजाद की लॉबी से जुड़े किशनगंज जिला कांग्रेस कमिटी के जिलाध्यक्ष ईमाम अली चिंटू से लेकर अन्य कई नेताओं ने जोर लगा दिया है।

बीते लोक सभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़े सिटिंग कांग्रेस सांसद डॉ जावेद आजाद का विरोध करने और चुनाव में दल विरोधी कार्य करते हुए भीतरघात करने का आरोप लगाते हुए किशनगंज जिला कांग्रेस कमिटी के जिलाध्यक्ष ईमाम अली चिंटू ने कांग्रेस पार्टी के बिहार प्रदेश प्रभारी सहित अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी के राष्ट्रीय महासचिव के०सी० बेनुगोपाल और कांग्रेस के बिहार प्रदेश अध्यक्ष डॉ अखिलेश सिंह को पत्र भेजकर गुहार लगाई है कि कांग्रेस के पूर्व बहादुरगंज विधायक तौसीफ आलम सहित किशनगंज निवासी बिहार प्रदेश कांग्रेस अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रदेश महासचिव असगर अली पीटर , एनएसयूआई के प्रदेश सचिव अमन राजा , कांग्रेस के किशनगंज जिले के पूर्व जिला उपाध्यक्ष नसीम अख्तर , एनएसयूआई के अध्यक्ष इश्तियाक असफी उर्फ बिट्टू , किशनगंज जिले के पोठिया प्रखंड कांग्रेस कमिटी के पूर्व प्रखंड अध्यक्ष आबिद आलम , पोठिया प्रखंड कांग्रेस के नेता जहांगीर आलम , कोचाधामन प्रखंड कांग्रेस कमिटी के जावेद इकबाल , कोचाधामन प्रखंड अध्यक्ष नूरूल हुदा , कांग्रेस के पूर्व सोशल मीडिया प्रभारी मुस्तकीम अंसारी को पिछले लोक सभा चुनाव में पार्टी विरोधी कार्यों के कारण कांग्रेस पार्टी से सीधे निष्कासित किया जाए।

किशनगंज जिले के बहादुरगंज की विधान सभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में आने वाला अगला विधान सभा चुनाव लड़ने की जोरदार दावेदारी पेश करने में लगे बहादुरगंज विधान सभा क्षेत्र के पूर्व कांग्रेस विधायक तौसीफ आलम को कांग्रेस पार्टी से निष्कासित कराने की किशनगंज जिला कांग्रेस कमिटी के कांग्रेस जिलाध्यक्ष ईमाम अली चिंटू की इस मुहिम से किशनगंज जिला कांग्रेस में अंतर्कलह गहराना शुरू हो गया है।

आने वाले अगले विधान सभा चुनाव में कूदने और फिर से विधायक निर्वाचित होने की लालसा के साथ बहादुरगंज विधान सभा क्षेत्र के पूर्व कांग्रेस विधायक तौसीफ आलम ने अपनी पार्टी कांग्रेस में हाथ पैर मारना शुरू कर दिया है।

बहादुरगंज विधान सभा क्षेत्र पर फिलवक्त एमआईएम से चुनाव जीत कर राजद में शामिल होने वाले राजद विधायक मोहम्मद अंजार नईमी काबिज़ हैं जो आने वाले अगले विधान सभा चुनाव में राजद की टिकट पर ही चुनाव लड़कर अपनी जीत हासिल करने की तैयारी में जोर शोर से लगे हुए हैं। जिस क्रम में उनकी दरबार में क्षेत्र की जनता की भीड़ बरबस लगी रहती है और विधायक अंजार नईमी अपनी जनता की समस्याओं के निराकरण के लिए अपने आवासीय दरबार में जनता से दिन दिन भर घिरे रहते हुए अगले चुनाव की बाजी जीतने की रणनीति बनाने में अनवरत लगे हुए हैं।

लेकिन , पिछले विधान सभा चुनाव के दौरान अपनी खोई हुई बहादुरगंज विधान सभा क्षेत्र की सीट को इस बार के आने वाले अगले विधान सभा चुनाव में कांग्रेस की टिकट पर ही चुनाव लड़कर वापस प्राप्त करने की ललक में बहादुरगंज के पूर्व कांग्रेस विधायक तौसीफ आलम अपनी पार्टी कांग्रेस से उक्त सीट के लिए ही टिकट जारी करने की मांग करते हुए अपनी पार्टी कांग्रेस के समक्ष दलील पेश कर रहे हैं कि बहादुरगंज विधान सभा क्षेत्र की सीट पर फिलवक्त काबिज सिटिंग राजद विधायक चूंकि पिछला विधान सभा चुनाव एमआईएम की टिकट पर चुनाव लड़कर जीत हासिल करने के बाद राजद में शामिल हुए थे तो वैसी स्थिति में बहादुरगंज विधान सभा क्षेत्र की सीट से सिर्फ उनकी ही कांग्रेस से चुनाव लड़ने की पुरजोर दावेदारी बनती है और वह आने वाले अगले विधान सभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में हर हाल में चुनाव मैदान में कूदने की तैयारी में जुटे हुए हैं।

इस क्रम में बहादुरगंज विधान सभा क्षेत्र के पूर्व कांग्रेस विधायक तौसीफ आलम ने अपनी राजनीतिक गतिविधियां भी जोर शोर से बढ़ा दी है।

आये दिन उनकी दरबार में जनता के साथ मीटिंग दर मीटिंग का सिलसिला शुरू हो गया है और उसके साथ साथ राजनीति के क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए भोज भात की श्रृंखला भी शुरू हो गई है। ऐसे ही एक भोज भात में उनके यहां हाल ही में किशनगंज जिला के प्रभारी मंत्री जमा खान भी शामिल हुए तो कांग्रेस के पूर्व विधायक तौसीफ आलम ने जिले के प्रभारी मंत्री के साथ हुई उक्त भेंट और खान पान को राजनीतिक नहीं वल्कि अनौपचारिक भेंट बताया।

लेकिन , क्षेत्र में शोर मच गया कि तौसीफ आलम जदयू से चुनाव मैदान में कूदने की गुंजाइश तलाश रहे हैं।

इस बीच हाल ही में तौसीफ आलम ने अपने नेतृत्व में बहादुरगंज विधान सभा क्षेत्र की जनता की बिजली की समस्या को लेकर विशाल प्रदर्शन किया था।

इसके अलावा वह चालू बरसात के दौरान नदियों में शुरू हुई उफान के कारण क्षेत्र में हो रही नदियों की कटाव लीला से तबाही की ओर अग्रसर हो रहे ग्रामीण क्षेत्रों , खेत खलिहानों और आवासीय भू खंडों की सुरक्षा के लिए सरकारी विभागों और प्रशासन के खिलाफ मोर्चा भी खोल दिया है।

जबकि दूसरी ओर से सिटिंग राजद विधायक अंजार नईमी भी अपने वर्तमान कार्य काल में इन्हीं सब कारणों से सरकार और प्रशासन सहित संबद्ध विभाग से लगातार संघर्ष करते आ रहे हैं।

इन दोनों पूर्व और वर्तमान विधायकों के द्वारा आगामी विधानसभा चुनाव में कूदने की तैयारी में जिस तरह की सक्रियता का जनता को एहसास कराया जा रहा है ,  उससे बहादुरगंज विधान सभा क्षेत्र की जनता में असमंजस की स्थिति पैदा होनी शुरू हो गई है क्यों कि जब सिटिंग विधायक राजद के हैं और राजद का कांग्रेस के साथ चुनावी गठबंधन बरकरार है तो फिर पूर्व कांग्रेस विधायक तौसीफ आलम के द्वारा क्षेत्र की जनता के बीच बतौर भावी कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में जारी जनसंपर्क अभियान का मतलब क्या है।

बहरहाल , बहादुरगंज विधान सभा क्षेत्र के पूर्व कांग्रेस विधायक तौसीफ आलम को कांग्रेस से निष्कासित कराने की मुहिम शुरू करने वाले किशनगंज जिला कांग्रेस कमिटी के जिलाध्यक्ष ईमाम अली चिंटू पर पूर्व कांग्रेस विधायक तौसीफ आलम की नजरें टेढ़ी हो गई है।

तौसीफ आलम ने खुले तौर पर ईमाम अली चिंटू को पहचानने से भी इन्कार कर दिया तो ईमाम अली चिंटू ने भी अपनी पार्टी के पूर्व विधायक तौसीफ आलम को पहचानने से इन्कार कर दिया है।

ईमाम अली चिंटू का कहना है कि न सिर्फ 2024 के लोक सभा चुनाव में वल्कि उसके पहले के 2019 वाले लोक सभा चुनाव में भी तौसीफ आलम ने कांग्रेस प्रत्याशी डॉ जावेद आजाद के साथ भीतरघात किया था।

बहरहाल , किशनगंज जिले में कांग्रेस के भीतर जोरदार तरीके से अंतरकलह व्याप्त हो गया है।

बहादुरगंज के पूर्व कांग्रेस विधायक तौसीफ आलम ने किशनगंज जिला कांग्रेस कमिटी के जिलाध्यक्ष ईमाम अली चिंटू की सारी गतिविधियों के लिए किशनगंज के कांग्रेस सांसद डॉ जावेद आजाद को जिम्मेवार ठहराया है और खुले तौर पर कह दिया है कि कांग्रेस के किशनगंज सांसद डॉ जावेद आजाद भले ही लगातार दो टर्म के सांसद हो गए हैं लेकिन उन्हें अभी तक कांग्रेस की नीतियों की कोई जानकारी नहीं हो पाई है।

उन्होंने कहा है कि कांग्रेस में किसी जिले के पार्टी जिलाध्यक्ष की एकतरफा अनुशंसा पर किसी पुराने नेता या पूर्व विधायक को पार्टी से निष्कासित करने की कोई परिपाटी नहीं रही है और सबसे बड़ी बात तो यह हो गई है कि बिहार के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के पॉवर का इस्तेमाल सांसद डॉ जावेद के इशारे पर अब जिलाध्यक्ष भी करने लगे हैं।

उन्होंने कहा कि वह चार बार के पूर्व विधायक हैं और पहली बार निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में तत्कालीन कांग्रेस प्रत्याशी से ही जीत कर आए थे तो कांग्रेस में शामिल हो गए थे और उसके बाद से लगातार तीन बार कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में ही चुनाव जीतते रहे।

उन्होंने स्वीकार किया कि उनका किशनगंज जिला कांग्रेस के प्रति समर्पित रहने वाला जिला और संसदीय क्षेत्र है लेकिन उनकी तरह निर्दलीय चुनाव जीतने की कोई क्षमता डॉ जावेद आजाद में नहीं है।

उन्होंने कहा कि अल्लाह ही कांग्रेस सांसद डॉ जावेद पर मेहरबान थे कि उन्हें जनता की विरोध के बाबजूद भी कांग्रेस से चुनावी टिकट हांसिल हो गया था और कांग्रेस के प्रति आवाम में स्थापित प्रेम के कारण वह बतौर कांग्रेस प्रत्याशी चुनाव जीत गए।अन्यथा , अपनी लापरवाह राजनीति के कारण वह तो जनता की नजर से बिल्कुल ही गिरे हुए थे और जनता में उनके विरोध की आंधी व्याप्त थी।जनता की विरोध के मद्देनजर ही किशनगंज का संपूर्ण कांग्रेस महकमा व्यक्तिगत रूप से उनके विरोध में अग्रसर हुआ था न कि पार्टी के विरोध में।

उन्होंने दावा किया कि आने वाले अगले विधान सभा चुनाव में किशनगंज जिला के सभी विधान सभा क्षेत्रों से कांग्रेस के प्रत्याशियों की ही जीत सुनिश्चित है लेकिन इसके लिए सांसद डॉ जावेद आजाद को कांग्रेस के भीतर तानाशाह बनने की प्रवृति का त्याग करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि बिहार राज्य भर में कांग्रेस के लिए सुरक्षित जिले या संसदीय क्षेत्र के रूप में ख्यात रहे किशनगंज जिले की कांग्रेस एकता को स्वार्थवश अब सांसद ही छिन्न भिन्न करने में लगे हैं और निचले तबके की सोँच के वशीभूत हो कर बड़े बड़े कांग्रेस नेताओं से लेकर कांग्रेस के पूर्व विधायक तक की शिकायतें जिला कांग्रेस अध्यक्ष के द्वारा कराना शुरू किए हैं।

उन्होंने साफ शब्दों में कहा है कि वह कांग्रेस थे , कांग्रेस हैं और कांग्रेस ही रहेंगे और किसी भी कीमत पर न तो जदयू बनेंगे और न ही औरों की भांति एमआईएम बनेंगे।

उन्होंने गत दिनों अपने आवास पर पहुंचे किशनगंज के प्रभारी मंत्री जमा खान को लेकर स्पष्ट किया कि प्रोटोकॉल के तहत अपने आवास पर पहुंचे जिले के प्रभारी मंत्री जमा खान का स्वागत करना लाजिमी और व्यक्तिगत संबंध के अनुरूप था।कोई मंच तो उनके साथ साझा नहीं किया गया था लेकिन अपनी तानाशाही प्रवृति के कारण सांसद ने जिलाध्यक्ष के जरिए उनकी शिकायत कराया तो इससे साबित होता है कि किशनगंज जिले की कांग्रेस की राजनीति को और कांग्रेस के परंपरागत ताकतवर संगठन को कांग्रेस के सांसद ही अब छिन्न भिन्न कराने के प्रयास में लगे हैं।