इजराइल के खिलाफ आलमी अदालत इन्साफ का ऐतिहासिक फैसला और फलस्तीन की जीत

हाल ही में एक ऐतिहासिक घटना हुई है जो इजराइल के लिए एक बड़ी चुनौती साबित हो रही है। आलमी अदालत इन्साफ ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए इजराइल को एक काबिज रियासत और अपार्थाइड स्टेट घोषित किया है। इस फैसले से इजराइल की अंतर्राष्ट्रीय मान्यता को गहरा धक्का लगा है, जो फलस्तीनियों के लिए एक बड़ी जीत मानी जा रही है। इस फैसले के बाद हिज्बुल्लाह ने इजराइल पर बड़े हमले शुरू कर दिए हैं, जिससे तेल अवीव और अन्य क्षेत्रों में भारी नुकसान हुआ है। यमन ने भी तेल अवीव पर ड्रोन हमले किए हैं, जिससे इजराइल की स्थिति और कमजोर हो गई है। इजराइल ने पिछले कई सालों से आलमी अदालत इन्साफ के खिलाफ कार्रवाई की थी, लेकिन अब इस फैसले ने उसकी स्थिति को और भी मुश्किल बना दिया है। इस फैसले के बाद इजराइल के खिलाफ विभिन्न मोर्चों पर हमले हो रहे हैं, चाहे वह डिप्लोमेटिक, पॉलिटिकल, इकोनॉमिक या मिलिट्री हो। हिज्बुल्लाह, यमन, इराक, अम्मास, और वेस्ट बैंक सभी तरफ से इजराइल पर हमले हो रहे हैं, जिससे उसकी स्थिति और भी खराब हो रही है। इस ऐतिहासिक फैसले का प्रभाव इजराइल पर बहुत बड़ा होगा और इसके परिणामस्वरूप उसकी अंतर्राष्ट्रीय स्थिति कमजोर हो जाएगी। फलस्तीन की यह जीत इजराइल के लिए एक बड़ा धक्का है और आने वाले दिनों में इसके और भी गहरे प्रभाव देखने को मिल सकते हैं।

इजराइल के खिलाफ आलमी अदालत इन्साफ का ऐतिहासिक फैसला और फलस्तीन की जीत

फैसल सुल्तान 

हाल ही में कुछ ऐसा हुआ है जो शायद कुदरत का हस्तक्षेप है या फिर कुछ और। लेकिन सच यह है कि अब जुल्म की इमारत ढहने जा रही है और यह कब्जा खत्म होने को है। यह इब्लीस निजाम अब खत्म होने की कगार पर है। इजराइल के खिलाफ हर तरफ से एक्शन हो रहा है और अभी हाल में सबसे बड़ा एक्शन हुआ है। 75 साल की तारीख में यह पहली बार हुआ है।

अंतर्राष्ट्रीय अदालत इन्साफ का फैसला आ चुका है और इस फैसले में इजराइल को एक कब्ज़ा वाला रियासत करार दिया गया है। इसके साथ ही इजराइल को कोई रियासत मानने से इंकार कर दिया गया है और इसे एक "अपार्थाइड स्टेट" घोषित किया गया है। यह फलस्तीनियों की जद्दोजहद की सबसे बड़ी जीत है। इजराइल की लेजिटिमेसी वेस्ट में अब पूरी तरह से खत्म हो चुकी है। सरकारी स्तर पर यह ऐलान बहुत बड़ी जीत है और एक्सपर्ट्स का मानना है कि इसके कंसीक्वेंसेस इजराइल के लिए बहुत गंभीर होंगे।

इजराइल ने पिछले कई सालों से आलमी अदालत इन्साफ के खिलाफ कार्रवाइयां की थीं ताकि यह फैसला उनके खिलाफ न आए, लेकिन अब यह फैसला आ चुका है और इसके परिणाम इजराइल के लिए बहुत ही गंभीर हैं। हिज्बुल्लाह ने भी अपना वादा निभाया है और जल्द ही इसराइल पर बड़ा हमला करने का ऐलान किया है। तेल अवीव अब निशाने पर आ चुका है। हिज्बुल्लाह के कमांडरों की शहादत का बदला लिया जा रहा है और इसके जवाब में सिविलियन इन्फ्रास्ट्रक्चर को निशाना बनाया जाएगा।

यमन से भी हमले जारी हैं और यमन ने तेल अवीव में ड्रोन से हमले किये हैं, जिससे इजराइल का घमंड टूट गया है। यमन ने इस इलाके को आजाद करवाने के लिए ड्रोन से लगातार हमला कर रहा  हैं और सिविलियंस को जल्द से जल्द जाफा (तेलअबीब) छोड़ने/ खाली करने की चेतावनी दी है। पिछले 75 सालों में किसी अरब की रियासत में इतनी ताकत नहीं थी कि वह तेलअवीव में ड्रोन से हमला कर सके।

आलमी अदालत इन्साफ के इस ऐतिहासिक फैसले का बहुत बड़ा महत्व है। इजराइल के खिलाफ अब विभिन्न मोर्चों पर हमले जारी हैं, चाहे वह डिप्लोमेटिक हो, पॉलिटिकल हो, इकोनॉमिक हो या मिलिट्री। हिज्बुल्लाह, यमन, इराक, अम्मास, और वेस्ट बैंक सभी तरफ से यह मल्टी फ्रंट वॉर शुरू हो चुका है।

अब बात करते हैं आलमी अदालत इन्साफ के फैसले की, जो दुनिया की सबसे बड़ी अदालत है। इसराइल का दावा है कि यह जमीन उनकी है और यह गॉड ने उन्हें अलॉट की है। लेकिन यह दावा गलत है और फैक्ट्स के अनुसार खुदा ने कभी जमीन अलॉट नहीं की। आज के दौर में इस दावे के आधार पर किसी जमीन को कब्जा करना इंटरनेशनल लॉ के खिलाफ है।

इजराइल के वेस्ट बैंक और गाजा में कब्जे को सेल्फ डिफेंस और सिक्योरिटी के लिए जरूरी बताना पूरी तरह से इनवैलिड है। आलमी अदालत इन्साफ ने इसे रिजेक्ट कर दिया है और इसराइल के कब्जे को परमानेंट ऑक्यूपेशन करार दिया है। इजराइल की स्टैंडिंग वेस्टर्न वर्ल्ड में अब प्रभावित होगी।

इस फैसले का प्रभाव इजराइल पर बहुत बड़ा होगा। इजराइल ने पिछले 15 सालों में आलमी अदालत इन्साफ के खिलाफ बहुत सारी कार्रवाइयों की थीं और जजों को धमकाने की कोशिश की थी। अब यह सारी बातें ऑन रिकॉर्ड आ चुकी हैं। आलमी अदालत इन्साफ का यह फैसला इजराइल के खिलाफ बहुत बड़ी जीत है।

हिज्बुल्लाह ने भी बहुत बड़े हमले किए हैं और इजराइल के कई इलाकों में आग लगी हुई है। मिसाइल और ड्रोन हमलों से इजराइल की हालत बहुत खराब हो चुकी है। नहारिया और अन्य इलाकों में जोरदार धमाके हुए हैं और सैकड़ों मिसाइल और ड्रोन हमलों से इजराइल का इंफ्रास्ट्रक्चर बुरी तरह से प्रभावित हुआ है।

हिज्बुल्लाह ने नहारिया में बहुत बड़ा हमला किया है और वहां आग लगी हुई है। मिसाइल हमलों से इजराइल की कई कॉलोनी और मिलिट्री साइट्स प्रभावित हुई हैं। इजराइल का सबसे बड़ा एरिया, तेल अवीव, भी अब निशाने पर है। हिज्बुल्लाह ने दर्जनों रॉकेट्स फायर किए हैं और इजराइल का इंफ्रास्ट्रक्चर बुरी तरह से प्रभावित हुआ है।

यह सारी बातें दिखाती हैं कि किस तरह से इजराइल की हालत बदल रही है। आलमी अदालत इन्साफ के फैसले के बाद इजराइल की स्थिति और भी कमजोर हो गई है और यह फलस्तीन की बहुत बड़ी जीत है। आने वाले दिनों में इसके और भी इंपैक्ट्स नजर आएंगे और इजराइल का रिस्पांस भी सामने आएगा।

यह पूरी स्थिति दिखाती है कि किस तरह से इजराइल की हालत बदल रही है और यह आलमी अदालत इन्साफ का ऐतिहासिक फैसला फलस्तीन की जीत का प्रतीक है। आगे आने वाले दिनों में इजराइल के खिलाफ और भी कार्रवाइयां होंगी और यह फैसला इजराइल के लिए बहुत बड़ा धक्का है।