कोशी बैराज से महानंदा, दास रतुआ, कनकई, परमान, पनार, मैची, डोंक, और बकरा नदियों की बाढ़ और कटाव से हो रहा सीमांचल प्रभावित।
कोशी बैराज में उफान से जलस्तर खतरे के निशान को पार कर चुका है, जिससे संबंधित एजेंसी ने अलर्ट जारी किया है। सभी 56 फाटक खोल दिए गए हैं। नेपाल में भारी बारिश के कारण सीमांचल की नदियों में जलस्तर बढ़ रहा है। बाढ़ और कटाव से सीमांचल के विभिन्न क्षेत्रों में गंभीर खतरा उत्पन्न हो गया है। स्थानीय नेताओं ने बाढ़ और कटाव निरोधी कार्यों की मांग की है।

-कोशी बैराज से लेकर महानंदा दास रतुआ कनकई परमान पनार मैची डोंक और बकरा नदियों की बाढ़ और कटाव लीला ने सीमांचल को निगलना शुरू किया
-बहादुरगंज के पूर्व विधायक तौसीफ आलम और बायसी के सिटिंग राजद विधायक सैयद रूकनुद्दीन ने अधिकारियों को भेजा त्राहिमाम संदेश
सीमांचल (विशाल/पिंटू/विकास)
भीमनगर कोशी बैराज स्थित कोशी नदी में आयी भयावह उफान के कारण कोशी बैरेज का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर चुका है।
संबंधित एजेंसी विभाग के द्वारा अलर्ट जारी कर दिया गया है।
एलर्ट जारी करते हुए कहा गया है कि लगातार जलस्तर में वृद्धि के रूझान मिल रहे हैं इसलिए सावधानी बरतनी जरूरी है।
सूत्रों के अनुसार , बैरेज के सभी 56 फाटकों को भी अब तक खोला जा चुका है और पानी का उफान आगे भी जारी रहा तो सीमांचल की बर्बादी की नौबत आ सकती है।
यही वजह है कि कोशी बैरेज स्थित कोशी नदी के कंट्रोल रूम से एलर्ट जारी किया गया है।
सीमांचल से सटे पड़ोसी देश नेपाल के पहाड़ी इलाकों में अनवरत जारी वर्षा और नेपाल के बाराह क्षेत्र में बेशुमार बढ़ रहे जलस्तर के कारण पहाड़ी नदियों का बेशुमार पानी सीमांचल की नदियों में आ जाने से सीमांचल की नदियों के जलस्तर में भी व्यापक रूप में उफान आने लगी है। सीमांचल की सभी नदियां उफनाना शुरू कर चुकी है।
जिस कारण सीमांचल भर की नदियां एक ओर कटाव लीला प्रारंभ कर दी है तो दूसरी ओर बाढ़ की विभीषिका।
किशनगंज जिले से होकर बहने वाली मची नदी में आई भीषण बाढ़ की उफान और अपनी धारा से विमुख हो कर गांव की ओर रूख करके बहने लगी मैची नदी की कटाव लीला से कुर्लीकोट इलाके में खतरा उत्पन्न हो गया है।
बहादुरगंज के पूर्व कांग्रेस विधायक तौसीफ आलम के अनुसार , उनके क्षेत्र बहादुरगंज विधान सभा क्षेत्र के बहादुरगंज और टेढ़ागाछ में कनकई और रतुआ नदी की बाढ़ और कटाव लीला से हरेक वर्ष ग्रामीणों का नुकसान होता है। कृषि भूमि कटकर नदी की गर्भ में समा जाती है और ग्रामीणों के घर द्वार के बह जाने की त्रासदी झेलने की तो क्षेत्र वासियों को सालाना आदत ही हो गई है। पूर्व विधायक तौसीफ आलम का सीधा आरोप है कि जब बरसात पूरे शबाब पर आ जाता है और बाढ़ की विभीषिका शुरू हो जाती है तो प्रशासन से लेकर सरकार तक की नींद टूट जाती है और तब शुरू किया जाता है बाढ़ नियंत्रण और कटाव निरोधी कार्य।
पूर्णिया जिले के बायसी अनुमंडल क्षेत्र के बायसी और अमौर विधान सभा क्षेत्रों में प्रत्येक वर्ष की बाढ़ की विभीषिका और नदियों की कटाव लीला की जानकारी पूर्णिया के जिला पदाधिकारी को देते हुए इस बार की बाढ़ की ताजा जानकारी बायसी विधान सभा क्षेत्र के विधायक सैयद रूकनुद्दीन अहमद ने भी गत 1 जुलाई को ही दे दी थी।
जिसके अनुसार , बायसी क्षेत्र में परमान नदी की बाढ़ और कटाव की जद में पहरिया , खुटिया , गोटफोर , अर्राबाड़ी , बैरिया का कब्रिस्तान क्षेत्र , हाथीबंधा , दक्षिण टोला पानीसदरा , माला , हरिनतोड़ ग्राम मझवा , चमन टोला मथरापुर , सोतीटोला मथरापुर में कटाव लीला शुरू है तो दूसरी ओर कनकई नदी की कटाव लीला से रहुआ , चनकी ग्वालगांव , ताराबाड़ी तबाही की ओर अग्रसर है।
विधायक की सूचनानुसार , दास नदी की कटाव लीला से चनकी बजरडीह और जनता में तो दूसरी ओर महानंदा नदी की कटाव लीला से मिकनपुर , मालोपाड़ा , तेलंगा , चांदपुर भसिया , बागडोभ काजोल , डंगराह फैजी टोला , उबरा टोला मरबा में और पनार नदी की कटाव लीला से अमना डगरूआ में तबाही का मंजर है।
विधायक सैयद रूकनुद्दीन अहमद ने पूर्णिया के जिला पदाधिकारी को त्राहिमाम पत्र भेजकर त्वरित गति से कटाव निरोधी कार्य कराने की मांग की है।