राष्ट्रीय नेतृत्व के इशारों को समझते हुए राज को राज रखते हुए दिलीप जायसवाल ने मंत्री पद की कुर्सी त्यागा

भाजपा की "एक व्यक्ति, एक पद" नीति के तहत बिहार के राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री डॉ. दिलीप जायसवाल ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। उन्हें बिहार भाजपा प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया, जिससे उनकी मुख्यमंत्री पद की संभावनाएं मजबूत हो गईं। सीमांचल क्षेत्र में जायसवाल संगठन व चुनावी रणनीति में दक्ष हैं, और भाजपा नेतृत्व को उन पर पूरा भरोसा है। उन्होंने महाशिवरात्रि के शुभ अवसर पर त्यागपत्र देकर अपने राजनीतिक लक्ष्य की ओर कदम बढ़ाया। प्रदेश अध्यक्ष पद से वे भाजपा को आगामी चुनावों में अधिक सीटें जिताने का प्रयास करेंगे।

राष्ट्रीय नेतृत्व के इशारों को समझते हुए राज को राज रखते हुए दिलीप जायसवाल ने मंत्री पद की कुर्सी त्यागा

सीमांचल  (अशोक/विशाल)

बिहार के भावी मुख्यमंत्री की राह को आसान बनाए रखने की जुगत में बिहार सरकार के राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री डॉ दिलीप जायसवाल ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया तो बिहार की राजनीति में राजधानी पटना से सीमांचल क्षेत्र तक की जनता इसलिए नहीं चौंकीं , क्योंकि , जनता उन्हें बिहार के मुख्यमंत्री पद की कुर्सी पर आसीन होते देखने की ललक पाले बैठी है और भाजपा की एक व्यक्ति एक पद की राष्ट्रीय नीति के तहत उनके लिए एक पद को छोड़ने की घटना भी अवश्यंभावी थी।

डॉ दिलीप जायसवाल भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पद पर आसीन रहते हुए बिहार की आगामी विधानसभा आम चुनाव में अपने अनुभवों के ज़रिये बिहार में भाजपा की ज्यादा से ज्यादा सीटों पर जीत दर्ज कराएंगे।

इस क्रम में भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व को अपनी पार्टी भाजपा के बिहार प्रदेश अध्यक्ष डॉ दिलीप जायसवाल की सांगठनिक क्षमता , चुनावी रणनीतियों और राजनीतिक अनुभवों पर काफी भरोसा है।

शायद यही वजह है कि बिहार के अगले भावी मुख्यमंत्री के चेहरे के रूप में सीमांचल क्षेत्र के लोकप्रिय विधान पार्षद डॉ दिलीप जायसवाल की राज्यव्यापी चर्चा तभी से जारी है जबसे भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व ने   दिलीप जायसवाल को बिहार में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष पद की कुर्सी पर आसीन कराया।

बिहार प्रदेश भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष पद पर आसीन कराए जाने के बाद से ही तय माना जाने लगा था भाजपा की एक व्यक्ति एक पद की नीति के अंतर्गत डॉ दिलीप जायसवाल को बिहार सरकार के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ेगा।

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष का पद डॉ दिलीप जायसवाल के लिए राजनीति के क्षेत्र में काफी अहम और महत्वपूर्ण पद है क्योंकि इसी पद पर आसीन रहते हुए दिलीप जायसवाल की ताजपोशी बतौर मुख्यमंत्री बिहार में आसानी से होने की बड़ी गुंजाइश है।जबकि मंत्री का पद सिर्फ रसूख और रूतवे तक ही सीमित रह जाने वाला पद हुआ करता है।इस बात से स्वयं डॉ दिलीप जायसवाल भी पुराने अनुभवी राजनीतिज्ञ होने के कारण बाखूबी अवगत रहे हैं और राजनीति के क्षेत्र में बुलंदियों तक पहुंचने की संभावना के मद्देनजर ही सीमांचल के हर दिल और हर दल अजीज विधान पार्षद डॉ दिलीप जायसवाल ने देश भर की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी भाजपा के बिहार प्रदेश अध्यक्ष पद को गले लगाए रखा और मंत्री पद की कुर्सी से मुंह मोड़ लिया।

यहां पर यह बता देना श्रेयस्कर होगा कि डॉ दिलीप जायसवाल ने यह सब कुछ बड़ी ही सुनियोजित तरीके से किया है और अपने उच्चतर कामयाबी को हांसिल करने की इस सुनियोजित राजनीतिक घटनाक्रम में पहले कुंभ स्नान किया और उसके बाद ठीक महाशिवरात्रि पर्व के शुभारंभ पर ही 26 फरबरी को उस समय अपने अहम अगले लक्ष्य की ओर अग्रसर होते हुए बिहार सरकार के मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया जब पूरा देश भगवान शिव गौरी शंकर की अराधना में भक्ति विभोर था।