डॉ दिलीप जायसवाल और प्रधानमंत्री के मिलन से सीमांचल में चलने लगी है चर्चाओं की आंधी
हाल के समय में बिहार में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है, खासकर सीमांचल और पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों को मिलाकर एक नए केंद्र शासित राज्य के गठन की चर्चाओं को लेकर। इस नए राज्य के संभावित मुख्यमंत्री के रूप में बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिलीप जायसवाल का नाम सामने आ रहा है। डॉ. जायसवाल को हाल ही में बिहार प्रदेश भाजपा का अध्यक्ष बनाया गया है, और उन्होंने दिल्ली जाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आशीर्वाद लिया, जिससे नए केंद्र शासित राज्य की संभावना को बल मिला है। डॉ. दिलीप जायसवाल, जो कि सीमांचल के एक प्रमुख समाजसेवी और विधान पार्षद हैं, भाजपा में अपनी मेहनत और ईमानदारी के लिए पहचाने जाते हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी उनके आवास पर नए राज्य के नक्शे की योजना तैयार की। इस सन्दर्भ में चर्चा है कि डॉ. जायसवाल को भविष्य में नए केंद्र शासित राज्य का मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है, या फिर बिहार में भाजपा के संभावित मुख्यमंत्री के रूप में उनका नाम उभर सकता है। उनकी सक्रिय भूमिका और पार्टी के प्रति उनकी निष्ठा ने उन्हें इस स्थिति के लिए एक प्रमुख उम्मीदवार बना दिया है।

सीमांचल (अशोक/विशाल)
- कहीं बिहार के अगले मुख्यमंत्री का चेहरा जायसवाल को बताया जाने लगा है।
- कहीं सीमांचल और पश्चिम बंगाल के क्षेत्रों को मिलाकर बनाए जाने वाले भावी नए केंद्र शासित राज्य का भावी मुख्यमंत्री माना जाने लगा है ।
सवाल यह नहीं खड़ा होता है कि सीमांचल के सबसे लोकप्रिय समाजसेवी विधान पार्षद डॉ दिलीप जायसवाल बिहार सरकार में मंत्री बनाए जाने के बाद बिहार प्रदेश भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष पद पर आसीन करा दिए गए।
वल्कि सवाल यह खड़ा होता है कि क्या सचमुच में इस सीमांचल से कोशी तक के कुछ क्षेत्रों के साथ पश्चिम बंगाल के एक बड़े हिस्से को मिलाकर नये केन्द्र शासित राज्य के गठन की प्रक्रिया तेज होने वाली है।
नव नियुक्त बिहार प्रदेश भाजपा अध्यक्ष डॉ दिलीप जायसवाल का दिल्ली जाकर देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से आशीर्वाद लेना कुछ वैसे ही संकेत दे रहे हैं।
सीमांचल में इस तरह की चर्चाओं ने पूरा जोर पकड़ लिया है कि अब निकट भविष्य में ही इस क्षेत्र में एक नए केंद्र शासित राज्य का गठन संभावित है।
भाजपा की राजनीति में सक्रिय रहे डॉ दिलीप जायसवाल भाजपा के बिहार भर के सारे नेताओं से अपनी अलग की पहचान केंद्र की नजर में कायम किए और तुर्रा यह कि पार्टी ने जितनी भी जबाबदेही दिलीप जायसवाल को सौंपी उन सभी दायित्वों के निर्वहन में पूरी निष्ठा और ईमानदारी का पालन करते रहे ।
जिस कारण केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इन्हीं के आवासीय परिसर से नए केंद्रशासित राज्य की परिकल्पना की , सुरक्षा तंत्रों के साथ अहम बैठक किया और नए राज्य का नक्शा तैयार कराया था।
बताया जाता है कि प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की इसी तैयारी के मद्देनजर सीमांचल के सबसे लोकप्रिय भाजपा नेता सह विधान पार्षद डॉ दिलीप जायसवाल को प्रथम दृष्टया मंत्री पद से नवाजा गया और उसके बाद प्रदेश भाजपा अध्यक्ष का दायित्व सौंपा गया।
चर्चा यहां तक है कि भविष्य में गठित होने वाले केंद्र शासित राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री भी संभवतः डॉ दिलीप जायसवाल को ही बनाया जा सकता है और दूसरी संभावना यह भी बताई जा रही है कि बिहार में भी भविष्य का संभावित मुख्यमंत्री डॉ दिलीप जायसवाल ही हो सकते हैं क्योंकि सर्वत्र स्वीकारा जा रहा है कि अब सूबे बिहार में भाजपा के पास डॉ दिलीप जायसवाल सरीखे भावी मुख्यमंत्री का चेहरा कोई और है ही नहीं।