रूपौली उप चुनाव में भी निर्दलीय के हाथों पिट गई सत्तारूढ़ जदयू
रूपौली उपचुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी शंकर सिंह ने जदयू और राजद दोनों को हराकर जीत हासिल की। शंकर सिंह ने 25 वर्षों की सेवा का परिणाम इस जीत के रूप में पाया। सत्तारूढ़ एनडीए और विपक्षी महागठबंधन ने पूरी ताकत लगाई थी, लेकिन रूपौली की जनता ने दोनों को नकारते हुए शंकर सिंह को समर्थन दिया। शंकर सिंह ने जदयू प्रत्याशी कलाधर प्रसाद मंडल को 8211 वोटों के अंतर से हराया। मुख्यमंत्री और अन्य मंत्रियों ने जदयू प्रत्याशी के लिए प्रचार किया, जबकि तेजस्वी यादव ने राजद प्रत्याशी के लिए प्रचार किया। इसके बावजूद, जदयू और राजद को हार का सामना करना पड़ा। जदयू प्रत्याशी को 59578 और राजद की बीमा भारती को 30114 वोट मिले। शंकर सिंह को 67782 वोट मिले, जबकि नोटा को 5675 वोट मिले। इस उपचुनाव के नतीजों ने पूरे सीमांचल को चौंका दिया और भविष्य के चुनावों को लेकर चिंताएं बढ़ा दी हैं।
सीमांचल (विशाल/पिंटू/विकास)
- शंकर सिंह ने कैंची छाप से चुनाव जीत कर जदयू और राजद दोनों का कतरन बना दिया
- 25 वर्षों तक जनता की सेवा का फल जीत के रूप में मिला
सीमांचल के पुर्णिया जिले के रूपौली विधानसभा क्षेत्र में हुए उप चुनाव के परिणाम स्वरूप निर्दलीय प्रत्याशी शंकर सिंह ने विजय का पताका फहरा कर बिहार की सत्तारूढ़ एनडीए और विपक्षी दल महागठबंधन को बुरी तरह से चौंका दिया है।
एनडीए के जदयू प्रत्याशी की जीत को सुनिश्चित कराने के लिए स्वयं मुख्यमंत्री से लेकर बिहार सरकार के कई मंत्रियों ने रूपौली में कैंपिंग की थी और सबसे बड़ी बात कि बिहार सरकार की मंत्री लेसी सिंह ने इस उप चुनाव को जदयू की प्रतिष्ठा का सवाल बनाकर खुदस्सर ही इस चुनाव को जी जान से लड़ा था और दूसरी ओर से महागठबंधन की राजद प्रत्याशी की जीत को सुनिश्चित कराने के लिए तेजस्वी यादव से लेकर कई दिग्गज नेताओं ने भी रूपौली में कैंपिंग किया था,उसके बाबजूद रूपौली की जनता ने एनडीए और महागठबंधन दोनों को सिरे से नकारते हुए निर्दलीय प्रत्याशी शंकर सिंह को चुनाव जीता कर शंकर सिंह की विगत 25 वर्षों की निरंतर मेहनत को कामयाब बना दिया।
विजयी शंकर सिंह ने अपने निकटम प्रतिद्वंद्वी जदयू के प्रत्याशी कलाधर प्रसाद मंडल को 8211 मतों के अंतराल से पराजित कर संपूर्ण सीमांचल की उस राजनीति को चौंकाया है जिस राजनीति के तहत सत्तारूढ़ दल जदयू के आका की भरपूर कोशिश सीमांचल भर में अपनी पार्टी का साम्राज्य स्थापित करने की तब भी रहती आई है जब उन्हीं की जदयू के सांसद प्रत्याशी को भी अभी हाल ही के संसदीय चुनाव में पूर्णिया की संसदीय सीट पर भी निर्दलीय प्रत्याशी के हाथों ही मुंह की खानी पड़ी थी।
बहरहाल , इस उप चुनाव में भी राजद की बीमा भारती तीसरे स्थान से ऊपर उबर नहीं पाई।
रुपौली की जनता के द्वारा जदयू और राजद दोनों राजनीतिक दलों को नकारे जाने के बाद पुर्णिया की जनता में चर्चा चलने लगी है कि पूर्णिया जिले की जनता को अब और ज्यादा किसी भी राजनीतिक दलों के उम्मीदवारों पर कोई भरोसा नहीं रह पाया है।
जिसके परिणामस्वरूप ही लोकसभा आम चुनाव 2024 में भी पुर्णिया की जनता ने निर्दलीय उम्मीदवार पप्पू यादव को ही सांसद चुना। और निर्दलीय प्रत्याशी शंकर सिंह को रूपौली विधान सभा क्षेत्र की जनता ने विधायक चुना।
शंकर सिंह निर्दलीय उम्मीदवार को कुल मत 67782 मिले।
जबकि कलाधर प्रसाद मंडल जदयू उम्मीदवार 59578 वोट पर ही सिमट कर दूसरे स्थान पर रहे।
राजद उम्मीदवार बीमा भारती को तो कुल मत 30114 से ही संतोष करते हुए तीसरे स्थान पर ही टिका रह जाना पड़ा।
जबकि चौथे स्थान पर नोटा ने रिकॉर्ड तोड़ वोट 5675 प्राप्त किया और एक अन्य निर्दलीय प्रत्याशी लालू प्रसाद यादव की झोली में 1418 मत पड़ गए तो वह भी पांचवें स्थान पर रहे।
बिहार भर में एक मात्र रूपौली विधान सभा क्षेत्र में ही उप चुनाव हुआ और उसमें सत्तारूढ़ दल के साथ साथ ही महागठबंधन की भी निर्दलीय प्रत्याशी के हाथों शिकस्ती का दंश झेलना पड़ा इस बात को लेकर संपूर्ण सीमांचल हैरत में पड़ गया है और राजनीतिक दलों में भविष्य की चिंता सताने लगी है कि आने वाले अगले 2025 के विधान सभा आम चुनाव का परिदृश्य कैसा रहेगा।