होलिका दहन में लोग प्लास्टिक व हानिकारक सामानों को जलाने से परहेज करें-नवाब आलम

होलिका दहन में लोग प्लास्टिक व हानिकारक सामानों को जलाने से परहेज करें-नवाब आलम

होलिका दहन में लोग प्लास्टिक व हानिकारक सामानों को जलाने से परहेज करें-नवाब आलम

फुलवारीशरीफ (प्रवेज आलम)

हमारा सपना वायु प्रदूषण मुक्त हो मुजफ्फरपुर, वायु प्रदूषण हटाओ मुजफ्फरपुर को बचाओ... नारे को बुलंद करते हुए बुधवार को कलाकारों ने शहर में नुक्कड़ नाटक किया। नाटक के पूर्व दर्शकों को संबोधित करते हुए संस्था के महासचिव और चर्चित अभिनेता,रंग निर्देशक नवाब आलम ने दर्शकों से प्लास्टिक, रबड़, पॉलिथीन आदि हानिकारक सामानों से परहेज करने की अपील की। होलिका दहन में लोग प्लास्टिक व टायर जलाते हैं इससे न केवल प्राकृतिक संतुलन बिगड़ता है बल्कि सेहत पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। दुख का विषय है कि हम इसके दुष्परिणाम से अवगत होते हुए भी हानिकारक सामानों को जलाने से परहेज नहीं करते। मुजफ्फरपुर वायु प्रदूषण के मामले में देश की राजधानी दिल्ली के हालात बदतरी में सबसे अव्वल है। दिल्ली की जहरीली हवा अब मुजफ्फरपुर, पटना और गया को भी जहरीली बना चुका है। मुजफ्फरपुर में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है । आज बुधवार को मुजफ्फरपुर का एयर क्वालिटी इंडेक्स 353 है। अगर प्रदूषण के परिणाम की तरफ ध्यान नहीं दिया गया तो यहां की स्थिति भी खराब हो जाएगी। शहर वासियों से अपील है कि बाहर निकलते समय मास्क का उपयोग करें। श्री आलम ने कहा कि बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण परिषद की ओर से मुजफ्फरपुर को प्रदूषण मुक्त बनाने की इस मुहिम में जागरूक होकर बढ़ चढ़कर हिस्सा लें। तत्पश्चात मुजफ्फरपुर शहर में बढ़ते प्रदूषण पर आधारित “मुझे मत जलाओ“ नुक्कड़ नाटक के क्रम में तीसरे दिन बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के सौजन्य से नाटक की चर्चित संस्था सूत्रधार, पटना के कलाकारों ने किया। वरिष्ठ रंगकर्मी नवाब आलम द्वारा लिखित एवं निर्देशित नुक्कड़ नाटक “मुझे मत जलाओ“ का मंचन मुजफ्फरपुर में भगवानपुर चौक, विद्या बिहार उच्च विद्यालय, माड़ीपुर गोलंबर,एवं लक्ष्मी चौक  के समीप किया गया।  नाटक में दिखाया गया कि  मुजफ्फरपुर  में अगर वायु प्रदूषण का यही हाल रहा तो एक दिन मुजफ्फरपुर का अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा। नाटक में दिखाया गया कि अज्ञानता वश होलिका दहन में कुछ ऐसे पदार्थों को जलाते हैं जो हमारे वायुमंडल को प्रभावित करता है। तभी गांव का पढ़ा-लिखा चिंटू आता है और उन्हें बताता है कि टायर, किरासन तेल, पॉलिथीन वं प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए, क्योंकि इसके जलने से कई प्रकार के हानिकारक गैस उत्पन्न होते हैं और अनेक प्रकार की बीमारियां होती हैं। इस तरह कई दृश्यों के माध्यम से चिंटू लोगों को समझता है कि मानव स्वास्थ्य एवं पर्यावरण का हमारे जीवन में बड़ा महत्व है। नाटक में नीरज कुमार, दीपक कुमार ,शशि भूषण, रत्नेश निशा कुमारी , तनु कुमारी,आर्यन ने प्रभावशाली और जीवंत अभिनय से सबका दिल जीत लिया।