स्पेशल स्टेटस' पर PM मोदी ने दिया झटका तो लालू ने मांगा CM नीतीश से इस्तीफा

बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग पर केंद्र सरकार ने सोमवार, 22 जुलाई को संसद में स्पष्ट कर दिया कि बिहार को यह दर्जा नहीं दिया जा सकता। केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने बताया कि विशेष राज्य का दर्जा प्राप्त करने के लिए जो शर्तें होती हैं, वे बिहार में पूरी नहीं होतीं। इस बयान के बाद बिहार की राजनीति में हलचल मच गई। राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तीखा हमला बोला और उनसे इस्तीफा मांग लिया। लालू ने आरोप लगाया कि नीतीश कुमार अपने वादे को पूरा करने में विफल रहे हैं। नीतीश कुमार ने अपने रुख को स्पष्ट करते हुए कहा कि वे बिहार के विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं और विशेष राज्य का दर्जा पाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। भाजपा ने नीतीश का समर्थन किया, जबकि कांग्रेस ने लालू का पक्ष लिया। बिहार की जनता की प्रतिक्रियाएं भी मिश्रित रहीं। भविष्य में, बिहार के राजनीतिक दलों को मिलकर केंद्र सरकार पर दबाव डालना होगा ताकि राज्य को विशेष राज्य का दर्जा मिल सके और विकास की गति तेज हो।

स्पेशल स्टेटस' पर PM मोदी ने दिया झटका तो लालू ने मांगा CM नीतीश से इस्तीफा

फैसल सुल्तान

बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग काफी समय से की जा रही है, जिसका उद्देश्य राज्य को आर्थिक और सामाजिक विकास में तेजी लाना है। इस मुद्दे को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कई बार केंद्र सरकार से अनुरोध किया है, लेकिन सोमवार, 22 जुलाई को केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी के बयान ने बिहार की राजनीति में तूफान ला दिया है।

 केंद्र सरकार का बयान

सोमवार को संसद में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने स्पष्ट कर दिया कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिया जा सकता है। उन्होंने बताया कि विशेष राज्य का दर्जा प्राप्त करने के लिए जो प्रावधान और शर्तें होती हैं, वह बिहार में पूरी नहीं हो रही हैं। उनके इस बयान के बाद बिहार की राजनीति में भूचाल आ गया।

 नीतीश कुमार का विरोध

केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री के इस बयान के बाद बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने नीतीश कुमार पर तीखा हमला बोला। लालू यादव ने आरोप लगाया कि नीतीश कुमार अपने राज्य के लिए विशेष राज्य का दर्जा हासिल करने में विफल रहे हैं। उन्होंने इसे नीतीश कुमार की विफलता करार दिया और उनसे इस्तीफा मांग लिया।

 लालू यादव का बयान

लालू यादव ने कहा, "नीतीश कुमार ने बिहार के लोगों से विशेष राज्य का दर्जा दिलाने का वादा किया था, लेकिन वह इसमें विफल रहे हैं। उनकी सरकार सिर्फ केंद्र सरकार की हां में हां मिलाती रही है और बिहार की जनता के हितों की उपेक्षा की है। ऐसे मुख्यमंत्री को अपने पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। नीतीश कुमार को तुरंत इस्तीफा देना चाहिए।"

 नीतीश कुमार का रुख

इस विवाद के बाद नीतीश कुमार ने अपने रुख को स्पष्ट करते हुए कहा कि वह बिहार के विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं और विशेष राज्य का दर्जा हासिल करने के लिए हर संभव प्रयास करते रहेंगे। उन्होंने कहा, "बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाना हमारा लक्ष्य है और हम इसके लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। लेकिन इसके लिए जरूरी है कि केंद्र सरकार हमारी मांग को समझे और इसे समर्थन दे।"

 राजनीतिक प्रतिक्रियाएं

नीतीश कुमार और लालू यादव के बीच इस मुद्दे पर हुई तीखी तकरार के बाद अन्य राजनीतिक दलों ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। भाजपा के नेताओं ने नीतीश कुमार का समर्थन करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री अपने राज्य के विकास के लिए लगातार प्रयासरत हैं और विपक्षी दलों को इस मुद्दे पर राजनीति नहीं करनी चाहिए।

वहीं, कांग्रेस ने भी लालू यादव के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलना चाहिए और इसके लिए नीतीश कुमार को और अधिक प्रयास करने चाहिए। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और बिहार के प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल ने कहा, "नीतीश कुमार को केंद्र सरकार पर दबाव बनाना चाहिए और बिहार के लोगों के हितों की रक्षा करनी चाहिए।"

 बिहार की जनता की प्रतिक्रिया

इस मुद्दे पर बिहार की जनता की भी मिश्रित प्रतिक्रिया सामने आई है। कुछ लोगों का मानना है कि नीतीश कुमार ने अपने राज्य के लिए विशेष राज्य का दर्जा पाने के लिए बहुत प्रयास किए हैं, लेकिन केंद्र सरकार ने उनकी मांगों को अनदेखा किया है। वहीं, कुछ लोग मानते हैं कि नीतीश कुमार अपने वादों को पूरा करने में असफल रहे हैं और उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए।

 विश्लेषण

विशेष राज्य का दर्जा एक ऐसा मुद्दा है जो बिहार की राजनीति में हमेशा से महत्वपूर्ण रहा है। बिहार एक कृषि प्रधान राज्य है और इसके आर्थिक विकास के लिए विशेष राज्य का दर्जा महत्वपूर्ण माना जाता है। विशेष राज्य का दर्जा मिलने से राज्य को अधिक वित्तीय सहायता और संसाधन मिलते, जिससे विकास की गति तेज हो सकती है।

नीतीश कुमार ने अपने कार्यकाल में कई बार केंद्र सरकार से विशेष राज्य का दर्जा मांगने की कोशिश की है, लेकिन अब तक इसमें सफलता नहीं मिली है। केंद्र सरकार का कहना है कि विशेष राज्य का दर्जा प्राप्त करने के लिए जिन शर्तों को पूरा करना होता है, वह बिहार में नहीं है।

 भविष्य की राह

इस मुद्दे पर बिहार की राजनीति में उबाल आना स्वाभाविक है, क्योंकि विशेष राज्य का दर्जा एक ऐसा मुद्दा है जो राज्य की जनता के दिल के करीब है। नीतीश कुमार को अब अपने राज्य की जनता के सामने स्पष्ट करना होगा कि उन्होंने इस मुद्दे पर क्या प्रयास किए हैं और आगे क्या कदम उठाएंगे।

इसके अलावा, बिहार के अन्य राजनीतिक दलों को भी इस मुद्दे पर अपनी राय स्पष्ट करनी होगी और राज्य के विकास के लिए एकजुट होकर प्रयास करना होगा। विशेष राज्य का दर्जा प्राप्त करने के लिए सभी राजनीतिक दलों को मिलकर केंद्र सरकार पर दबाव बनाना होगा और राज्य की जनता के हितों की रक्षा करनी होगी।

 निष्कर्ष

बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने का मुद्दा हमेशा से राज्य की राजनीति में महत्वपूर्ण रहा है। नीतीश कुमार ने इस मुद्दे पर कई प्रयास किए हैं, लेकिन अब तक इसमें सफलता नहीं मिली है। केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी के बयान के बाद इस मुद्दे पर बिहार की राजनीति में उबाल आ गया है। लालू यादव ने नीतीश कुमार से इस्तीफा मांग लिया है, जबकि नीतीश कुमार ने अपने रुख को स्पष्ट करते हुए कहा है कि वह बिहार के विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं। इस मुद्दे पर बिहार की जनता की भी मिश्रित प्रतिक्रिया सामने आई है।

आने वाले दिनों में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि नीतीश कुमार और उनकी सरकार इस मुद्दे पर क्या कदम उठाती है और बिहार के अन्य राजनीतिक दल इस मुद्दे पर कैसे प्रतिक्रिया देते हैं। विशेष राज्य का दर्जा प्राप्त करने के लिए बिहार के सभी राजनीतिक दलों को मिलकर प्रयास करना होगा और राज्य की जनता के हितों की रक्षा करनी होगी।