गिरिराज द्वारा सीमांचल में नफरत फैलाने के प्रयास अस्वीकार्य - सांसद तारिक अनवर एवं विधायक रूकनुद्दीन

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह पर सीमांचल में उनकी जातिवादी और सांप्रदायिक राजनीति को लेकर व्यापक विरोध हो रहा है। कटिहार के कांग्रेस सांसद तारिक अनवर और बायसी के राजद विधायक सैयद रूकनुद्दीन अहमद ने खुलकर गिरिराज सिंह की राजनीति की आलोचना की है। उनका मानना है कि गिरिराज सिंह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तर्ज पर बिहार में अपनी छवि मुख्यमंत्री पद के दावेदार के रूप में स्थापित करना चाहते हैं, लेकिन इसके लिए वह सीमांचल में हिंदू-मुस्लिम विभाजन और नफरत की राजनीति कर रहे हैं, जिससे मुस्लिम समुदाय में भय पैदा हो रहा है। दोनों नेताओं का कहना है कि बिहार की गंगा-जमुनी तहजीब के कारण ऐसी विभाजनकारी राजनीति यहां सफल नहीं हो सकती। उन्होंने सीमांचल क्षेत्र के मुस्लिम बहुल इलाकों में गिरिराज सिंह द्वारा फैलाए जा रहे भ्रम और नफरत की राजनीति का विरोध किया है। वहीं, भाजपा के एक अन्य नेता डॉ. दिलीप जायसवाल, जो मुस्लिम बहुल क्षेत्र में अपनी लोकप्रियता और सौहार्दपूर्ण छवि के लिए जाने जाते हैं, गिरिराज सिंह से बिलकुल अलग हैं और सीमांचल में सभी धर्मों के लोगों के बीच आदर प्राप्त कर चुके हैं। ऐसे में गिरिराज सिंह का मुख्यमंत्री बनने का सपना बिहार में सफल होता नहीं दिखता।

गिरिराज द्वारा सीमांचल में नफरत फैलाने के प्रयास अस्वीकार्य - सांसद तारिक अनवर एवं विधायक रूकनुद्दीन

सीमांचल  (अशोक/विशाल)

सीमांचल क्षेत्र के कटिहार संसदीय क्षेत्र के कांग्रेस सांसद तारिक अनवर और पूर्णिया जिले के बायसी विधान सभा क्षेत्र के राजद विधायक सैयद रूकनुद्दीन अहमद ने भाजपा के बड़बोले फायर ब्रांड नेता सह केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के द्वारा सीमांचल के सामाजिक , राजनीतिक क्षेत्र में की जा रही दखलंदाजी का विरोध शुरू कर दिया है।

दोनों जनप्रतिनिधियों ने सीमांचल के क्षेत्रों को लेकर गिरिराज सिंह के द्वारा फैलाये जा रहे विभिन्न तरह के मनगढ़ंत अफवाहों से सूबे बिहार और सीमांचल क्षेत्र की जनता को सावधान करते हुए कहा है कि गिरीराज सिंह उत्तर प्रदेश के भाजपाई मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तर्ज पर सूबे बिहार में मुख्यमंत्री बनने की कोशिश में नफरत की राजनीतिक बिसात बिछाने में लगे हुए हैं और हिंदू मुस्लिम विभेद पैदा करने की कोशिश करते हुए बिहार के मुसलमानों में भय और दहशत फैलाने में लगे हुए हैं और उल्टा अफवाह फैला रहे हैं कि हिंदू समाज में मुस्लिम समाज का खौफ व्याप्त हो रहा है।

"कटिहार के कांग्रेस सांसद तारिक अनवर और पूर्णिया जिले के बायसी विधान सभा क्षेत्र के राजद विधायक सैयद रूकनुद्दीन अहमद ने अलग अलग जगहों पर दिए गए अपने बयानों में भाजपा नेता गिरिराज सिंह पर निशाना साधते हुए कहा है कि भारतीय राजनीति के इतिहास में प्रारंभ से साम्प्रदायिक सदभाव और क्रांति की जननी रही बिहार राज्य में उत्तर प्रदेश की तर्ज पर खौफ की राजनीति करके गिरिराज सिंह स्वयं को बिहार का मुख्यमंत्री मैटेरियल बनाने की दिशा में भले ही बड़ी से बड़ी नफरत की राजनीतिक बिसात बिछा लें लेकिन उनका मंसूबा सूबे बिहार में कभी भी कामयाब नहीं हो सकता है और इस बार के आने वाले 2025 के अगले विधान सभा चुनाव में ऐसे  भाजपाई नेताओं की करतूतों और बड़बोलेपन के कारण ही बिहार से भाजपा का पत्ता साफ होने वाला है"। 

दोनों जनप्रतिनिधियों ने दावा किया है कि बिहार में अबकी बार महागठबंधन वाली कांग्रेस और राजद की सरकार का बनना तय है ।

स्मरणीय है कि भारतीय राजनीति के मानचित्र में अति संवेदनशील मुस्लिम बहुल क्षेत्र के रूप में स्थापित सीमांचल क्षेत्र में भाजपा नेता गिरिराज सिंह की अकारण दखलंदाज़ी लगातार बढ़ती जा रही है।

गत अक्टूबर महीने में भाजपाई केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने सीमांचल में बगैर किसी प्रयोजन के स्वाभिमान यात्रा आयोजित कर नफरत की राजनीति को बढ़ावा देने की कोशिश किया था। जिसके बाद से इस सीमांचल के विभिन्न भागों में सक्रिय हो उठे उन्मादियों के द्वारा बात बात पर हिंदू मुस्लिम तकरार कराने की कोशिशें जारी हो गई है और उन सभी कोशिशों में किसी न किसी रूप में गिरिराज सिंह की ही सहभागिता भी नजर आती जा रही है।

ऐसा एक उदाहरण हाल ही में पूर्णिया जिले के बायसी विधान सभा क्षेत्र के माला गांव की एक छोटी सी घटना में देखने को मिला था।

जहां पर विना किसी मामले के ही भाजपा के नेताओं के द्वारा बायसी क्षेत्र के माला गांव को बुरी तरह से बदनाम करने की कोशिश की गई थी।

लेकिन , प्रशासनिक सक्रियता से तत्क्षण ही वहां का मामला ठंढ़ा पड़ गया था और 10 नवंबर को पूर्णिया जिला प्रशासन के दिशा निर्देश पर उक्त गांव में शांति समिति की आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए बायसी विधान सभा क्षेत्र के राजद विधायक सैयद रूकनुद्दीन अहमद और प्रशासनिक अधिकारियों ने असामाजिक तत्वों को कड़ी हिदायतें दी थी और जनता को सावधान किया था कि सीमांचल के मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में खौफ की राजनीति का प्रसार करने की कोशिश में लगे असामाजिक तत्वों से सतर्क रहें और अपने अपने बच्चों पर भी नियंत्रण रखें।

उपरोक्त बातों को लेकर , हम यहां बता दें कि बिहार के सबसे बड़े मुस्लिम बहुल क्षेत्र में शुमार सीमांचल पूर्णिया प्रमंडल में   गुड़ खायेंगे , लेकिन , गुलगुल्ले से परहेज करेंगे  ,   वाली चिर परिचित कहावतें चरितार्थ हो रही हैं।

सीमांचल के भाजपाई सपूत डॉ दिलीप जायसवाल इस मुस्लिम बहुल क्षेत्र में सभी धर्म समुदाय के लोगों के बीच स्वीकार्य हैं।लेकिन , गिरिराज राष्ट्रीय स्तर के बिहारी भाजपा नेता होते हुए नाम मात्र के लिए भी सीमांचल वासियों के बीच स्वीकार्य नहीं हैं।

ऐसा गिरिराज के नफरती बोल और हिंदू मुस्लिम विभेद पैदा करने वाली राजनीतिक गतिविधियों के कारण है।

जबकि दूसरी ओर , अपनी निःस्वार्थ मानवता सेवा और जातिवादी मानसिकता से ऊपर उठकर सीमांचल में सौहार्द की राजनीति करने वाले डॉ दिलीप जायसवाल बिहार प्रदेश भाजपा के प्रदेश कोषाध्यक्ष पद पर तैनात रहते हुए भी इसी मुस्लिम बहुल सीमांचल के पूर्णिया किशनगंज और अररिया जिलों के त्रिस्तरीय स्थानीय प्राधिकार निकाय क्षेत्र से तीसरी बार राष्ट्रीय स्तर के रिकॉर्ड वोटों से विधान परिषद के सदस्य के रूप में निर्वाचित हुए हैं।

आज की तारीख में बिहार प्रदेश भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के पद पर आसीन होने के बाबजूद डॉ दिलीप जायसवाल सीमांचल वासियों में न सिर्फ स्वीकार्य हैं वल्कि बेहद लोकप्रिय और सर्वमान्य नेता हैं।

सीमांचल वासियों के सबसे बड़े सेवक के रूप में स्थापित हो चुके बिहार प्रदेश भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सह सीमांचल क्षेत्र के लोकप्रिय सर्वमान्य नेता सह विधान पार्षद डॉ दिलीप जायसवाल को सीमांचल वासी बिहार के मुख्यमंत्री पद पर आसीन होते देखने की ललक भी पाले हुए हैं लेकिन इस मद में गिरिराज कौड़ी भर भी नहीं सुहा रहे हैं।