सीमांचल में शुरू हो गई गिरिराज सिंह की हिंदू स्वाभिमान यात्रा

कहा इस सीमांचल के हिंदू समय रहते एक जूट नहीं हुए तो उन्हें झेलनी पड़ेगी जम्मू कश्मीर जैसी त्रासदी, महागठबंधन के राजद विधायक और नेता ने गिरिराज सिंह की यात्रा पर लगाया सीमांचल की परंपरागत भाईचारगी को नेस्तनाबूद करने के प्रयास, सीमांचल में गिरिराज सिंह की यात्रा पर महागठबंधन के नेताओं की कड़ी प्रतिक्रिया

सीमांचल में शुरू हो गई गिरिराज सिंह की हिंदू स्वाभिमान यात्रा

सीमांचल  (अशोक/विशाल)

भागलपुर से सीमांचल क्षेत्र की यात्रा पर निकली केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह की हिंदू स्वाभिमान यात्रा के दौरान गिरिराज सिंह के समर्थकों के द्वारा गिरिराज सिंह का जगह जगह स्वागत किया जा रहा है और भाजपा का इस यात्रा से परहेज करने की घोषणा भी टांय टांय फिस्स् हो गई है। घोषणा की खुली अवहेलना करते हुए गिरिराज की इस यात्रा में बीजेपी के कार्यकर्ता हिस्सेदारी निभाते दिखाई दे रहे हैं और इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि इस यात्रा के काफिले के सीमांचल में प्रवेश करने के साथ ही सीमांचल भर के मुसलमान भी सकते में आ गए हैं।

गिरिराज सिंह की यह हिंदू स्वाभिमान यात्रा 18 अक्टूबर की देर शाम में सीमांचल के कटिहार जिले में पहुंची तो कटिहार जिले के भाजपाई अपनी पार्टी के नेतृत्वकर्ता की घोषणा के विपरीत खुले तौर पर गिरिराज सिंह की हिंदू स्वाभिमान यात्रा से जा जुड़े।

कटिहार में अपने बुलंद हौसलों के साथ गिरिराज सिंह ने सिंह गर्जना करते हुए कहा कि भारत में सिर्फ हिंदू रहेगा और लव जिहाद को अंजाम देने वाले बांग्लादेशी घुसपैठियों को भागना होगा।

उन्होंने सीमांचल में एन आर सी कानून का कार्यान्वयन शुरू करने की आवश्यकता बताते हुए कहा कि उन्होंने यह यात्रा हिंदुओं के स्वाभिमान की सुरक्षा , हिंदू समाज की एकता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से की है वहीं दूसरी ओर पूर्णिया में उन्होंने कहा कि उनकी यह यात्रा विदेशी मुसलमानों से देशी मुसलमानों की रक्षा करने के लिए उन सभी को जागरूक करने के लिए हुई है।

उन्होंने कहा कि इस सीमांचल में तुष्टिकरण की राजनीति करने वालों में उनकी इस यात्रा से छटपटाहट बरकरार हो गई है , लेकिन , उनमें लव जिहाद और लैंड जिहाद से हो रहे नुकसान की चिंता नहीं है। उन्होंने कहा कि केरल से शुरू हुआ लव जिहाद अब इस सीमांचल तक आ पहुंचा है इसलिए सीमांचल की बेटियों को सावधान होने की जरूरत है।

गिरिराज सिंह की इस यात्रा के दूसरे नेतृत्वकर्ता स्वामी दीपांकर ने कहा कि यह यात्रा किसी दल विशेष की नहीं बल्कि देश के सौ करोड़ हिंदुओं की ताकत पर आधारित है।धर्म से ऊंची कोई जाति नहीं होती है वल्कि संगठित हिंदू हिंदू भाई भाई की ताकत बड़ी होती है।उन्होंने कहा कि इस सिमाई क्षेत्र में घुसपैठियों के घुसपैठ लगातार जारी रहे हैं जिस कारण यह क्षेत्र काफी संवेदनशील माना जाने लगा है। 

19 अक्टूबर को कटिहार में सभा को संबोधित करने के बाद 20 अक्टूबर को गिरिराज सिंह की हिंदू स्वाभिमान यात्रा का पूर्णिया में आगाज हुआ। फिर पूर्णिया जिले से होकर 20 अक्टूबर की देर शाम तक उनकी यात्रा  अररिया पहुंची और 21 अक्टूबर को अररिया में रैली करते हुए उसी मार्ग से किशनगंज जिले के बहादुरगंज क्षेत्र से गुजरते हुए किशनगंज के लिए कूच करेगी।

जहां पर 22 अक्टूबर को शहरी क्षेत्र में यात्रा करते हुए रूईधांसा मैदान में हिंदू समाज की एकजुटता के लिए गिरिराज सिंह की सभा होगी ।

गिरिराज की इस यात्रा को भाजपा सहित जनसुराज के लिए नुकसानदायक बताया जा रहा है।

राजनीति के विश्लेषकों का मानना है कि सीमांचल में हिंदू एकजुटता को लेकर गिरिराज की इस यात्रा से मुस्लिम एकजुटता का मार्ग सुलभ हो गया है और विभिन्न दलों में छिटपुट रूप से बिखरे मुस्लिम समाज कांग्रेस और राजद के साथ गोलबंद होने लग गए हैं।

इस क्रम में यह भी माना जा रहा है कि मुस्लिम समाज को अपनी ओर आकर्षित करने का जो प्रयास जन सुराज के द्वारा शुरू किया जा रहा है उस प्रयास की भ्रूण हत्या गिरिराज की इस यात्रा के कारण निश्चित हो गई है।क्योंकि , गिरिराज की हिंदू स्वाभिमान यात्रा की वजह से मुस्लिम समाज फिर कांग्रेस और राजद की ओर ही आकर्षित होने को तत्पर होने लगा है।

बहादुरगंज के राजद विधायक अंजार नईमी ने गिरिराज की इस यात्रा पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त किया है और युवा राजद के प्रदेश महासचिव एम के रिजवी उर्फ नन्हा मुश्ताक ने भी गिरिराज की सीमांचल यात्रा को सीमांचल की ऐतिहासिक गंगा जमुनी तहजीब पर प्रहार बताया है।