लिग ऑफ पार्लियामेंटेरियन फॉर कुद्स के डायरेक्टर जनरल डॉ. मोहम्मद मुक़र्रम बलाउवी की जमीयत उलेमा हिंद के दफ्तर में आगमन

लिग ऑफ पार्लियामेंटेरियन फॉर कुद्स के डायरेक्टर जनरल डॉ. मोहम्मद मुक़र्रम बलाउवी ने जमीयत उलेमा हिंद के दफ्तर, नई दिल्ली में अध्यक्ष मौलाना महमूद असद मदनी से मुलाकात की। डॉ. बलाउवी ने फलस्तीन की वर्तमान स्थिति और वहां के लोगों के संघर्ष पर चर्चा की, उनकी बलिदानों और अडिग विश्वास की सराहना की। उन्होंने भारत की पुरानी फलस्तीन समर्थक नीति की तारीफ की। मौलाना मदनी ने जमीयत उलेमा हिंद की फलस्तीन के प्रति समर्पण और मानवता की रक्षा के लिए किए गए प्रयासों की पुष्टि की। जमीयत उलेमा हिंद के सचिव मौलाना नियाज़ अहमद फारुकी ने स्थिति पर चिंता व्यक्त की और शांति की कामना की।

लिग ऑफ पार्लियामेंटेरियन फॉर कुद्स के डायरेक्टर जनरल डॉ. मोहम्मद मुक़र्रम बलाउवी की जमीयत उलेमा हिंद के दफ्तर में आगमन

बिहार मंथन डेस्क

  • डॉ. मोहम्मद मुक़र्रम बलाउवी की जमीयत उलेमा हिंद में महत्वपूर्ण मुलाकात: फलस्तीन की रक्षा और भारत-फलस्तीन संबंध पर चर्चा
  • जमीयत उलेमा हिंद में डॉ. बलाउवी का स्वागत: फलस्तीन की स्थिरता और मानवता की रक्षा पर प्रेरक संवाद

लिग ऑफ पार्लियामेंटेरियन फॉर कुद्स के डायरेक्टर जनरल डॉ. मोहम्मद मुक़र्रम बलाउवी आज जमीयत उलेमा हिंद के दफ्तर, नई दिल्ली पहुंचे। यहां उन्होंने जमीयत उलेमा हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद असद मदनी से मुलाकात की। डॉ. मुक़र्रम बलाउवी मूलतः फलस्तीन के रहने वाले हैं और वर्तमान में जॉर्डन में निवास करते हैं। वे कुद्स से संबंधित कई आंदोलनों के प्रमुख भी हैं।

मुलाकात के दौरान, डॉ. बलाउवी ने फलस्तीन में चल रही वर्तमान स्थिति पर विचार-विमर्श किया। उन्होंने कहा कि फलस्तीन के लोगों ने अपनी और अपने प्रियजनों की जानों की बलि दी है, लेकिन उन्होंने अपने देश और विश्वास के साथ समझौता नहीं किया। हमारी संघर्ष की कोशिशें शोषितों की जान बचाने और अपने देश की रक्षा के लिए हैं। दुनिया के अन्य हिस्सों में बाहरी शक्तियों ने हमला किया, तो वहां छिपने के लिए जंगल और पहाड़ थे, लेकिन हमारे पास कुछ भी नहीं है। फिर भी, हमारा हौसला ऊंचा है और हमें विश्वास है कि हम एक दिन सफल होंगे।

डॉ. बलाउवी ने भारत की फलस्तीन समर्थक पुरानी नीति की सराहना की और कहा कि यहां के लोग और जनता हमारे जज़्बात को समझते हैं। उन्होंने जमीयत उलेमा हिंद की इतिहास और बलिदान की भी तारीफ की।

इस अवसर पर जमीयत उलेमा हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद असद मदनी ने उनका स्वागत किया और कहा कि जमीयत उलेमा हिंद प्रारंभ से ही फलस्तीन के मामले में सहयोगी और समर्थक रही है। हम कुद्स की रक्षा के लिए मानवता और धार्मिक आधार पर जो भी संभव है, करते रहेंगे। हमारे देश की नीति हमेशा शोषितों के समर्थन की रही है। यह ऐसी सोच और विचारधारा है, जिससे अगर देश हटा, तो उसकी पहचान खराब होगी। उन्होंने कहा कि जमीयत उलेमा हिंद हर प्रकार की आतंकवाद के खिलाफ है, विशेष रूप से जातीय सफाया और राज्य आतंकवाद मानवता पर एक कलंक है।

इस मौके पर जमीयत उलेमा हिंद के सचिव मौलाना नियाज़ अहमद फारुकी ने अंग्रेजी में जमीयत उलेमा हिंद के बातों को विस्तार से प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि दिन हो या रात, हम हमेशा बच्चों और मासूमों की हत्या की खबरें सुनकर बहुत दुखी और चिंतित रहते हैं, और हमारी प्रार्थना है कि जल्द से जल्द युद्धविराम हो ताकि शांति की राह तैयार हो सके। इस मौके पर जमीयत उलेमा हिंद के दफ्तर में मौलाना डॉ. अब्दुल मलिक रसूलपुरी समेत अन्य लोग भी उपस्थित थे।